जयपुर में BRTS कॉरिडोर हटाने की प्रक्रिया शुरू: ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए JDA ने भेजा प्रस्ताव, 2 नए अंडरपास बनेंगे

जयपुर में BRTS कॉरिडोर हटाने की प्रक्रिया शुरू: ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए JDA ने भेजा प्रस्ताव, 2 नए अंडरपास बनेंगे

जयपुर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) कॉरिडोर को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने राज्य सरकार को BRTS कॉरिडोर हटाने का प्रस्ताव भेजा है। सरकार से स्वीकृति मिलते ही अगले महीने कॉरिडोर हटाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। शुरुआती चरण में सीकर रोड और अजमेर रोड स्थित BRTS कॉरिडोर को हटाया जाएगा, जिससे ट्रैफिक का दबाव कम किया जा सके। 

सीकर रोड और अजमेर रोड पर नए अंडरपास बनने की योजना  
जयपुर विकास प्राधिकरण की हाल ही में हुई बैठक में अजमेर रोड और सीकर रोड पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए NHAI द्वारा अंडरपास बनाने की योजना तैयार की गई। इस योजना के तहत अजमेर रोड पर BRTS कॉरिडोर 1 किलोमीटर और सीकर रोड पर 1.2 किलोमीटर की लंबाई में खत्म कर दिया जाएगा। इससे पहले झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड और पानीपेच से राव शेखा सर्किल तक BRTS कॉरिडोर पहले ही हटाया जा चुका है। 

कॉरिडोर को बताया गया 'मौत का कुआं'  
पूर्व कांग्रेस सरकार में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने BRTS कॉरिडोर को ‘मौत का कुआं’ बताते हुए इसे हटाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस पर सहमति नहीं दी थी, क्योंकि केंद्र सरकार से जेएनएनयूआरएम स्कीम के तहत 169 करोड़ की राशि मिली थी। इसके बाद 2022 में विधानसभा में शांति धारीवाल ने स्वीकार किया कि यह परियोजना विफल साबित हुई है, लेकिन केंद्र से अनुमति न मिलने के कारण इसे हटाया नहीं जा सका। 

2007 में शुरू हुई थी BRTS की योजना  
जयपुर में यातायात दबाव कम करने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से 2007 में BRTS कॉरिडोर की कल्पना की गई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत 46 किलोमीटर लंबी बस आधारित यातायात प्रणाली प्रस्तावित थी। इसमें केंद्र सरकार ने 50%, राज्य सरकार ने 20% और JDA ने 30% राशि खर्च की थी।  

BRTS क्यों हटा रहे हैं? 
BRTS प्रोजेक्ट का उद्देश्य निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक बसों का इस्तेमाल बढ़ाना था। इससे सड़कों पर जाम की समस्या और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद थी। हालांकि, संचालन में खामियों और ट्रैफिक प्रबंधन की कमी के कारण यह परियोजना विफल हो गई। अब BRTS कॉरिडोर ट्रैफिक समस्या का समाधान बनने की बजाय नई परेशानी खड़ी कर रहा है। 

आगे की योजना  
अब, BRTS कॉरिडोर को हटाने के साथ-साथ सीकर रोड और अजमेर रोड पर नए अंडरपास बनाए जाएंगे। इसके अलावा, न्यू सांगानेर रोड पर मेट्रो रूट के साथ BRTS कॉरिडोर को लेकर फैसला किया जाएगा। यह कदम ट्रैफिक दबाव कम करने और बेहतर परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे हैं।