हेल्थ सेक्टर का काला सच: मरीज सौदेबाजी का धंधा
दिल्ली-NCR, जयपुर और लखनऊ के 15 बड़े अस्पतालों पर **भास्कर की नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम ने पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया कि इलाज और ऑपरेशन मरीज की जरूरत से नहीं, बल्कि कमीशन तय होने पर होते हैं।
रेट कार्ड खुलासा
किडनी पर 50 हजार
दोनों घुटनों की सर्जरी पर 40 हजार
IVF मरीज पर 22 हजार
MRI/CT स्कैन पर 20% कमीशन
मौत के बाद भी 5 लाख के बिल पर 40 हजार कमीशन
ज्यादा मरीज लाने पर उत्तराखंड ट्रिप का ऑफर
नेक्सस का तरीका
बड़े और छोटे हॉस्पिटल/क्लिनिक के बीच सीधी डील होती है। कहीं डॉक्टर तो कहीं हॉस्पिटल की मार्केटिंग टीम दलालों से बात करती है।
मरीजों के साथ धोखा
इलाज लंबे समय तक खींचना, ज्यादा पैसे वसूलना और जरूरत से ज्यादा दिन भर्ती रखना—सिर्फ कमीशन के बंटवारे के लिए किया जाता है।
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