केले की कमी से जन्मा सपना, 101 स्टार्टअप बना चुके संदीप चौधरी 30 जुलाई को उड़ीसा में लॉन्च करेंगे 102वां स्टार्टअप
संदीप चौधरी 30 जुलाई को उड़ीसा में अपना 102वां स्टार्टअप लॉन्च करेंगे, जो सेव अर्थ मिशन को समर्पित है।

देश और विदेश में स्टार्टअप की दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुके संदीप चौधरी 30 जुलाई को अपने 102वें स्टार्टअप की भव्य लॉन्चिंग करने जा रहे लॉन्चिंग उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित होगी खास बात यह है कि यह स्टार्टअप जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण जैसे वैश्विक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए "सेव अर्थ मिशन" के तहत लॉन्च किया जा रहा है
संदीप का लक्ष्य है कि वर्ष 2040 तक भारत सहित विश्व में 3000 करोड़ पेड़ लगाए जाएं, जिससे धरती को फिर से हरा-भरा और जीवन योग्य बनाया जा सके.
लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं था संदीप चौधरी की सफलता की कहानी एक साधारण गांव से शुरू होती वे राजस्थान के गुढ़ा गोरजी गांव के रहने वाले हैं एक घटना ने उनका जीवन बदल दिया—जब उनके पिता ने जेब में पैसे होने के बावजूद उन्हें एक रुपये का केला नहीं दिलाया संदीप बताते हैं कि "उस एक पल ने मेरे भीतर आत्मनिर्भरता का बीज बो दिया। तब समझ नहीं था कि गरीबी क्या होती है, लेकिन मन में संकल्प था कि अब जीवन अपनी शर्तों पर जीना है।"
संदीप ने 13 वर्ष की उम्र में वीडियो गेम और घड़ियां सुधारने का कार्य शुरू किया था। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने जयपुर के महाराजा कॉलेज में शिक्षा लेते हुए 2006 में "S-In-Soft" नामक आईटी कंपनी की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स, रियल एस्टेट, ऑयल ट्रेडिंग, फिल्म निर्माण और ग्रीन एनर्जी सहित कई क्षेत्रों में 101 से ज्यादा स्टार्टअप्स को जन्म दिया
साल 2016 में उनकी फिल्म "ये है इंडिया" को कांस फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया, जो उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान का अहम पड़ाव था
उनकी कहानी केवल व्यापार की नहीं, बल्कि मूल्य, मिशन और मातृभूमि के प्रति समर्पण की है
संदीप चौधरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं, जिनसे उन्हें "सेवा, संकल्प और स्वाभिमान" की प्रेरणा मिली उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात में उन्हें संस्कृति और सनातन मूल्यों की दिशा मिली, जबकि जनरल वीके सिंह से मिले तो रक्षा और देशभक्ति की भावना और मजबूत हुई
उनका "एक पेड़ मां के नाम" अभियान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है और यह स्टार्टअप इंडिया मिशन के तहत भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय से भी जुड़ा हुआ है
अब जब वे 102वां स्टार्टअप लॉन्च कर रहे हैं, तो यह केवल एक नया प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि भारत को हरा-भरा, समृद्ध और सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है
संदीप चौधरी आज सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन चुके हैं — उन लाखों युवाओं के लिए जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं और उन्हें साकार करने का जज़्बा भी.!