जातिगत जनगणना पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला: कांग्रेस के एजेंडे पर अब BJP क्यों आई आगे?

जातिगत जनगणना पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला: कांग्रेस के एजेंडे पर अब BJP क्यों आई आगे?
जातिगत जनगणना पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला: कांग्रेस के एजेंडे पर अब BJP क्यों आई आगे?

जातिगत जनगणना को लेकर लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक बहस अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। मोदी सरकार ने ऐलान किया है कि अगली जनगणना में जातियों की भी गिनती की जाएगी। यह फैसला चौंकाने वाला इसलिए है क्योंकि BJP अब तक इस मुद्दे पर असहमत नजर आती रही थी, जबकि कांग्रेस और क्षेत्रीय दल लंबे समय से इसकी मांग करते आ रहे थे।

कैबिनेट कमेटी का फैसला:  
30 अप्रैल 2025 को हुई राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में जातिगत जनगणना को हरी झंडी दी गई। कमेटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब यह गिनती *मुख्य जनगणना* का हिस्सा होगी।

राहुल गांधी का बयान: 
फैसले के तुरंत बाद राहुल गांधी ने कहा, "मैं पहले ही कह चुका था, मोदी जी को जाति जनगणना करानी ही पड़ेगी। अब हम आरक्षण पर 50% की सीमा हटाने के लिए दबाव बनाएंगे।"

राजनीतिक संकेत: 
BJP का यह यू-टर्न आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीति से जुड़ा माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला ओबीसी और अन्य वंचित वर्गों को साधने के लिए लिया गया है।

जातिगत जनगणना के फैसले ने राजनीतिक दलों की चालें और सियासी समीकरण दोनों बदल दिए हैं। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या इससे आरक्षण की 50% सीमा पर भी बहस खुलेगी।