51 साल में 30वीं बार उदयपुर में हुआ ये कमाल
उदयपुर, झीलों की नगरी, एक बार फिर अपनी तीन प्रमुख झीलों - फतहसागर, स्वरूपसागर और उदयसागर - के भरने के कारण चर्चा में है। शनिवार को फतहसागर झील के चार गेट खोले गए, जो 51 वर्षों में 30वीं बार हुआ है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर जब लोगों को गेट खुलने की सूचना मिली, तो बड़ी संख्या में लोग इस दृश्य को देखने के लिए पाल पर पहुंचे। कलेक्टर अरविंद पोसवाल, यूडीए आयुक्त राहुल जैन और एसई संजीव शर्मा ने पूजा-अर्चना कर झील के गेट खोले।
फतहसागर झील: शहर की लाइफलाइन
फतहसागर झील को उदयपुर की लाइफलाइन माना जाता है। इस साल हुई भारी बारिश के चलते झील पूरी तरह भर चुकी है। इससे पहले 2023 में जुलाई महीने में इसके गेट खोले गए थे। इस बार सितंबर के पहले सप्ताह में हुई तेज बारिश के कारण झील में तेजी से पानी आया और 13 फीट के स्तर पर पहुंच गई, जिसके बाद गेट खोले गए।
गेट खुलने के दौरान सायरन बजाकर लोगों को अलर्ट किया गया, ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके। कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने बताया कि झीलों के भरने से न केवल पानी की आपूर्ति बेहतर होगी, बल्कि पर्यटन गतिविधियों में भी तेजी आएगी, जो शहर की अर्थव्यवस्था को गति देगा।
स्वरूपसागर और उदयसागर भी लबालब
फतहसागर के अलावा, स्वरूपसागर और उदयसागर झीलें भी पूरी तरह भर चुकी हैं। 3 सितंबर को स्वरूपसागर झील के गेट खोले गए थे, जिससे पानी आयड़ नदी के जरिए उदयसागर में पहुंच रहा है। पिछोला झील भी इसी महीने के पहले सप्ताह में भर गई थी, और इसका पानी स्वरूपसागर के गेट खोलकर बाहर निकाला गया।
झीलों में पानी का आवागमन
फतहसागर झील में पानी मुख्य रूप से छोटा और बड़ा मदार तालाब से आता है, जहां चादर चलने के बाद मदार नहर के जरिए पानी झील में पहुंचता है। इसके अलावा, बड़ी तालाब और हवाला कलां से भी पानी फतहसागर में आता है। पिछोला झील के काले किवाड़ के गेट खोले जाने पर उसका पानी भी फतहसागर में आकर झील को भरने में सहायक होता है।
उदयपुर में झीलों के भरने से शहरवासियों और पर्यटकों में उत्साह का माहौल है। झीलों की खूबसूरती देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं, जिससे पर्यटन क्षेत्र को नया जीवन मिलने की उम्मीद है।