शिक्षा के मंदिर अब बने एटीएम मशीन, आयकर विभाग को मिली आपार धन सम्पति एजुकेशन हब के नाम से मशहूर स्कुल मे हुई छापमारी मे हुई धन वर्षा

सीकर। शिक्षा नगरी के नाम से मशहूर हुई सीकर नगरी मे अब विधा के मंदिरो मे विधा देवी की विशेष कृपा से आपार धन वर्षो हो रही है
अब ये वो विद्यालय नहीं है जो चार कमरों मे चलते थे अब ये एक विशाल सिटी के रूप मे विकसित ही चुके है।
जहा शिक्षा का स्तर तो बदला है साथ ही तौर तरीके भी बदल गए है।
अब यहां सब कुछ हाई स्टैण्डर्ड मिलता है, चाहे वो वेश भूषा हो टीचर्स का पढ़ाने का तरीका हो, चाहे अन्य कोई एक्टिविटी हो, यह संभव हो पाता उस मोटी फीस से जो आपने लाडले के उज्वल भविष्य के लिए देते लिए है। क्योंकि इन संस्थानों के द्वारा लुभावने रिजल्टस आंकड़े इस तरह दिखाए जाते है इन से अच्छा कोई है ही नहीं लेकिन इसके पीछे की सच्चाई कुछ और होती है।
एक कहावत है मारवाड़ी मे वो शायद इनके लिए ही बनी है -
" कुण की खुरपी कुण को घास खोदे वो नारायण दास '
यह हम इसलिए कह रहे है आजकल इन संस्थानों मे कुछ ऐसा ही ट्रेंड चल रहा है कोई भी छात्र को जो मेरिट लिस्ट मे सुमार होता है उसको अपने स्टिकर के साथ अपना स्टूडेंट बता कर भोलेभाले परेंट्स को बेकूफ़ बना कर एडमिशन के लिए अपने संस्थान की ओर आकर्षित करते है। फिर बेचारा अच्छे भविष्य की चाहत इनको इनकी शर्तो के अनुसार मोटी फीस देता है। वही मोटी फीस हजारों दादत पढ़ने वाले हर एक बच्चे को तो सफल नहीं बना पाती लेकिन इनके लुभावने आंकड़े ओर स्टिकर ब्रांड से इनको जरूर हब एजुकेशन का तमका मिल जाता है जो आज सीकर संभाग सहित अन्य स्थानों बड़े बड़े होडिंग्स के साथ प्रचार प्रसार करता है "सीकर आये ओर एजुकेशन हब नहीं देखा तो क्या देखा' वगेरा वगेरा
इन सब से आने वाली मोटी कमाई का ताज़ा उदहारण बुधवार को सीकर के एक बड़े संस्थान मे देखने को मिला ज़ब आयकर विभाग की छापमारी मे अनगिनत धन की प्रप्ति हुई ओर फिर चर्चा हर तरफ आम हो गई। आप समझ गए होंगे हम किस की बात कर रहे है..... गर नहीं तो हम बतायेंगे आपको जल्दी ही जयपुर टाइम्स मे......