मुख्यमंत्री घोषणा के बावजूद बालिका छात्रावास हेतु भूमि आवंटित नहीं होने से, जाट महाकुंभ में दिखा भारी आक्रोश

विद्याधर नगर स्टेडियम में जाट महाकुंभ का आयोजन हुआ जिसमें प्रदेशभर से लाखों की संख्या में जाट समुदाय एकत्रित हुआ। हजारों वाहनों में लाखों की संख्या में लोग आने पर भी महाकुंभ शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। महाकुंभ के दौरान जाट समाज ने फिर से विद्याधर नगर सेक्टर 4 में प्रस्तावित ग्रामीण परिवेश की छात्राओं के लिए शिक्षण प्रशिक्षण व आवास हेतु भूमि आवंटन को लेकर मुद्दा उठाया। जाट समाज संस्था प्रदेशाध्यक्ष एवं जाट महाकुंभ कोर कमेटी सदस्य ताराचंद चौधरी ने महाकुंभ में उद्बोधन के दौरान कहा कि 9 दिसंबर 2019 को जाट समाज संस्था के प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया, गोविंद सिंह डोटासरा व मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने शिरकत की थी। जिसमें मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संबोधन मे ग्रामीण परिवेश की छात्राओं के लिए शिक्षण प्रशिक्षण एवं आवास हेतु 3100 वर्ग मीटर भूमि आवंटन की घोषणा की थी। एवं उसी उद्बोधन के दौरान प्रतिभा सम्मान समारोह मंच पर विराजित मंत्रियों को इस कार्य की जिम्मेदारी सोपते हुए कहा था कि भूमि आवंटन में कोई दिक्कत हो तो उसका निराकरण करवाकर आवंटन करवाएं। इस भूमि आवंटन की फाइल 1 मार्च 2023 कैबिनेट मीटिंग में पहुंचने के बावजूद भी अप्रूव नहीं हुई। मुख्यमंत्री द्वारा भूमि आवंटन की घोषणा को किए हुए साढ़े तीन साल हो गए। चौधरी ने इस महाकुंभ में उपस्थित कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद जी डोटासरा मंत्री लालचंद कटारिया, रामलाल जाट, हेमाराम चौधरी, बृजेंद्र
ओला व मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी से आग्रह पूर्ण निवेदन किया कि आप इस समाज हित के कार्य को प्राथमिकता देते हुए जमीन आवंटन के लिए तुरंत मुख्यमंत्री जी से मिलने का समय लेकर ज़मीन आवंटित करवाने का प्रयास करें। महाकुंभ के दौरान जाट महासभा अध्यक्ष राजाराम मील ने अपने उद्बोधन में ताराचंद चौधरी की बात से सहमति जताते हुए कहा कि बालिकाओं के लिए छात्रावास एवं शिक्षण प्रशिक्षण के लिए जल्द से जल्द जमीन आवंटित की जावे। महाकुंभ में मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा मे भूमि आवंटन की घोषणा के वक्त का प्रत्यक्षदर्शी एवं साक्षी हूं। उन्होंने कहा कि भूमि आवंटन को लेकर मुख्यमंत्री से वार्तालाप करके जल्द से जल्द भूमि आवंटित हो ऐसा प्रयास करूंगा। जाट महाकुंभ में भूमि आवंटन के मुद्दे को लेकर जाट समुदाय में भारी मात्रा में आक्रोश दिखा।