कांग्रेस पार्षदों ने मुख्यमंत्री गहलोत को सौंपा ज्ञापन, नगर परिषद सभापति गुर्जर को पद से हटाने की रखी मांग

May 12, 2023 - 15:42
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कांग्रेस पार्षदों ने मुख्यमंत्री गहलोत को सौंपा ज्ञापन, नगर परिषद सभापति गुर्जर को पद से हटाने की रखी मांग

अलवर। नगर परिषद अलवर के कांग्रेसी पार्षदों ने शुक्रवार को अलवर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नगर परिषद सभापति घनश्याम गुर्जर को पद से हटाने की मांग करते हुए एक पत्र सौंपा।
कांग्रेसी पार्षदों ने मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र में अवगत कराया कि नगर परिषद / नगर पालिका चुनाव सन 2019 में नगर परिषद, अलवर के वार्ड संख्या 19 से वार्ड पार्षद के भाजपा के उम्मीदवार के रूप में घनश्याम गुर्जर पुत्र रामस्वरूप गुर्जर द्वारा अपना नाम निर्देशन पत्र दिनांक 03.11.2019 को प्रस्तुत किया गया था। पत्र में बताया कांग्रेसी पार्षदों ने की उक्त नाम निर्देशन पत्र के भाग-11 में एफआईआर संख्या 1500/2016 पुलिस थाना कोतवाली जिला अलवर राजस्थान न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3, अलवर राजस्थान में विचाराधीन होने व उक्त प्रकरण में दिनांक 30.05.2018 को आरोप विरचित होने तथा उक्त नाम निर्देशन पत्र के साथ सलंग्न किए गए उपाबंध- शपथ पत्र के पेज संख्या 2 पर पैरा नम्बर 1-क व ख में एफआईआर संख्या 1500/2016 पुलिस थाना कोतवाली जिला अलवर राजस्थान व अपराध की धारा 143, 323, 341 व 325 आईपीसी होना दर्ज किया गया है। जिसमें से धारा 325 आईपीसी के प्रावधानों के तहत सात साल की सजा का प्रावधान किया हुआ है।
पार्षदों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यह कि धारा 24 '3' राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 में यह प्राविधित किया हुआ है कि यदि वह ऐसे सक्षम न्यायालय के जिसने अपराध का संज्ञान किया हो और उसके विरूद्ध पांच वर्ष या अधिक के कारावास से दण्डनीय किसी अपराध के लिए आरोप विरचित कर दिए हो, विचाराधीन हो। यह कि धारा 24 '3' राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार उक्त घनश्याम गुर्जर नगर परिषद नगर पालिका चुनाव सन 2019 में नगर परिषद, अलवर राजस्थान के पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ने का अधिकारी नहीं था। लेकिन निर्वाचन विभाग के अधिकारियो / कर्मचारियों द्वारा अपनी डयूटी के प्रति लापरवाही बरतने के कारण उपरोक्त वर्णित धारा 325 आईपीसी के अपराध पर कोई गौर नहीं कर उक्त घनश्याम गुर्जर का नाम निर्देशन पत्र स्वीकार फरमा दिया गया। 
यह कि उपरोक्त कम में नगर परिषद, अलवर के पूर्व पार्षद गौरी शंकर विजय द्वारा शिकायत किए जाने पर उक्त घनश्याम गुर्जर के विरूद्ध जांच करते हुए राजस्थान सरकार द्वारा पार्षद के पद के अयोग्य घोषित कर दिया गया था। यह कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशो के अनुसार किसी भी पार्षद को किसी भी कारण से अयोग्य ठहरा दिए जाने के आधार पर उसको किसी भी पद पर पदासीन होने यानि पार्षद तक के पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।
इसके बाद पार्षदों ने जल्द ही सभापति घनश्याम गुर्जर को नगर परिषद के सभापति पद से हटाने की शीघ्र मांग रखी।

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