पेट के अंदर बसते हैं अरबों 'गुड बैक्टीरिया': जानिए प्रोबायोटिक फूड्स क्यों हैं जरूरी, कैसे बनाए रखें माइक्रोबायोम का संतुलन

पेट के अंदर बसते हैं अरबों 'गुड बैक्टीरिया': जानिए प्रोबायोटिक फूड्स क्यों हैं जरूरी, कैसे बनाए रखें माइक्रोबायोम का संतुलन

बैक्टीरिया का नाम सुनते ही अक्सर बीमारी और इन्फेक्शन की कल्पना होती है, लेकिन सच्चाई ये है कि हमारे शरीर के भीतर लाखों ऐसे बैक्टीरिया मौजूद हैं जो हमारी सेहत के रक्षक हैं। इन्हें **‘गुड बैक्टीरिया’** कहा जाता है और ये हमारे **गट माइक्रोबायोम** का हिस्सा होते हैं।

**हार्वर्ड हेल्थ** की रिसर्च के अनुसार, हमारी बड़ी आंत में करीब 100 लाख करोड़ गुड बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। ये न केवल पाचन में मदद करते हैं, बल्कि न्यूट्रिएंट्स को एब्जॉर्ब करने, बैड बैक्टीरिया से लड़ने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम भी करते हैं।

लेकिन एंटीबायोटिक्स का अधिक सेवन इस संतुलन को बिगाड़ देता है, जिससे गैस, कब्ज, थकान और स्किन प्रॉब्लम्स जैसी समस्याएं उभरने लगती हैं। ऐसे में **प्रोबायोटिक फूड्स** का सेवन शरीर के लिए संजीवनी साबित हो सकता है।

**डॉ. प्रिया पालीवाल**, चीफ डाइटीशियन, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के अनुसार, प्रोबायोटिक्स आंत में जाकर गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाते हैं और बैड बैक्टीरिया को कंट्रोल करते हैं। इससे शरीर का **माइक्रोबायोम संतुलित** रहता है।

बेस्ट प्रोबायोटिक फूड्स:

1. दही
2. छाछ
3. कांजी
4. अचार
5. सौरक्राट (फर्मेंटेड पत्ता गोभी)
6. केफिर
7. किमची
8. टेम्पे

विशेषज्ञों की सलाह है कि प्रोबायोटिक सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें क्योंकि सभी प्रोबायोटिक एक जैसे नहीं होते — कुछ स्किन के लिए लाभदायक हैं तो कुछ प्राइवेट हेल्थ के लिए।

संतुलित माइक्रोबायोम सेहतमंद जीवन की नींव है, इसलिए अपने खानपान में प्रोबायोटिक्स को शामिल कर आज ही सेहत की दिशा में पहला कदम बढ़ाएं।