मीनोपॉज के बाद बढ़ता यूटीआई का खतरा: हार्मोनल बदलाव से कमजोर होता यूरिनरी ट्रैक्ट, जानें बचाव के उपाय

मीनोपॉज के बाद बढ़ता यूटीआई का खतरा: हार्मोनल बदलाव से कमजोर होता यूरिनरी ट्रैक्ट, जानें बचाव के उपाय

महिलाओं में मीनोपॉज के बाद यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसी महिला को छह महीने में दो बार या एक साल में तीन बार से अधिक यूटीआई होता है, तो यह संकेत है कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में 15 करोड़ यूटीआई के मामले सामने आते हैं, जिनमें 80% महिलाएं होती हैं। चिंता की बात यह है कि इन संक्रमणों के कारण सालाना 2.35 लाख से अधिक लोगों की मौत भी होती है।

क्यों बढ़ता है यूटीआई का खतरा?
मीनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घटने लगता है, जो यूरिनरी ट्रैक्ट के टिश्यू को स्वस्थ बनाए रखता है। हार्मोन की कमी के कारण ये टिश्यू पतले और कमजोर हो जाते हैं, जिससे इम्युनिटी घटती है और संक्रमण का खतरा बढ़ता है।

40 की उम्र के बाद बढ़ जाती है फ्रीक्वेंसी
हालांकि 16 से 35 साल की उम्र में यूटीआई के मामले ज्यादा होते हैं, लेकिन 40 के बाद ये अधिक फ्रीक्वेंट हो सकते हैं, विशेषकर मीनोपॉज के समय हार्मोनल असंतुलन के कारण।

बचाव के उपाय क्या हैं?

* पर्याप्त पानी पीना
* जननांगों की सफाई का ध्यान रखना
* डॉक्टर की सलाह से एस्ट्रोजन युक्त क्रीम या थेरेपी लेना
* पेशाब रोकने से बचना
* प्रोबायोटिक्स और विटामिन-सी युक्त आहार लेना

विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता और नियमित हेल्थ चेकअप से मीनोपॉज के बाद यूटीआई की समस्या को काफी हद तक टाला जा सकता है।