हिन्दू मुस्लिम कौमी एकता का प्रतीक विश्वप्रसिद्ध गैर नृत्य का सोडियार में आयोजन

हिन्दू मुस्लिम कौमी एकता का प्रतीक विश्वप्रसिद्ध गैर नृत्य का सोडियार में आयोजन

चौहटन/सोडियार काफी वर्षा से होली के पावन पर्व पर खेली जाने वाली गैर नृत्य आज भी जारी है इस मौके पर हिन्दू मुस्लिम एक साथ गैर खेल कर कौमी एकता का परिचय देते है। भारत और पाकिस्तान से लगती सीमा पर इस गैर नृत्य से एकता एवं भाईचारे का संदेश देती है यहां पर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग प्रेम और भाईचारे के साथ इस गैर की ताल से ताल मिला रहे हैं आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में इस गैर नृत्य को देखने के लिए लोग आते हैं दिल्ली में खेली गई एशिया कप गैर नृत्य में सोडियार के सुलेमान खान,भोमाराम,पोकराराम,वल्ली खान इनको सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम महन्त मोटनाथ महाराज के सानिध्य में शुरू हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भापजा जिला अध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा रहे। इस मौके पर पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष आदुराम मेघवाल, रेखाराम बेनीवाल, मानाराम बेनीवाल, एडवोकेट पवनगिरी, देराजराम, चेतन राम बेनीवाल,पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि तिलोकाराम बेनीवाल सहित ग्रामीण व खिलाड़ी मौजूद रहे।वही इस गैर नृत्य से जहां आपसी भाईचारे का भी संदेश आमजन को पहुंचाने की कोशिश की जाती है क्योंकि इस गैर नृत्य में हिंदू व मुस्लिम मिलकर रंगो के त्यौहार होली की खुशियां मनाते हैं और एक दूसरे से गले मिलकर प्रदेश प्रदेश में आपसी भाईचारे का भी संदेश देते हैं। गैर जोड़ी नेमाराम, डालूराम,मागु खान,अनवर खान, जेठाराम बेनीवाल,खुमाराम गोदारा अपनी प्रस्तुति अलग अंदाज से देते है कार्यक्रम का मंच संचालन पुखराज हुड्डा, तिलाराम गोदारा ने किया। 


गैर कि विशेष पहचान

इस गैर नृत्य में ढोल की थाप आँगी ओर बाँगी इस नृत्य की पोशाक पहने हुए डांडियों की खनक के साथ वृत्ताकार पथ पर आगे बढ़ते हैं गैर के नृतक (गैरियो) अपनी इस अद्भुत कला का प्रदर्शन करते हैं शुरुआत में एक नृत्य जैसा लगता है और बाद में जब यह हेरी (लय और ताल में परिवर्तित होते हैं) इस गैर नृत्य से एक मनोरम और मनमोहक दृश्य होली के पावन पर्व पर सोडियार के मैदान में खेला जाता है।