सरस डेयरी के दुग्ध संयंत्र , कन्या छात्रावास, मेंटल रिटारडेड आवासीय ग्रह का जिला कलेक्टर ने किया औचक निरीक्षण

सवाई माधोपुर ,1अप्रैल। राजकीय देवनारायण कन्या छात्रावास ठिगला, यस दिव्यांग सेवा संस्थान द्वारा संचालित मेंटल रिटारडेड आवासीय ग्रह एवं स्पेशल स्कूल तथा सवाई माधोपुर एवं करौली जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के दुग्ध संयंत्र का शनिवार को जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने औचक निरीक्षण किया।
जिला कलेक्टर एवं जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के प्रशासक ने दुग्ध संयंत्र के औचक निरीक्षण के दौरान समितियों से प्राप्त दूध की टेस्टिंग एवं दूध पैकिंग कार्यों की देखा। संघ कार्यालय में भी लेखाशाखा, भौतिक एवं मासिक प्रस्तावित लाभ हानि का अवलोकन किया। उन्होंने इस दौरान संघ में पूर्व में संकलन किये गये एवं वर्तमान में संकलित लगभग 25हजार किलो दूध संकलन पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने दुग्ध संघ प्रभारी राजकुमार शर्मा को दूध एवं दुग्ध पदार्थ विपणन की मात्रा बढाने हेतु दूध वितरकों को लक्ष्य देने के निर्देश दिये । उन्होंने इस दौरान अधिक से अधिक दुग्ध समितियों को पशु आहार विक्रय करने हेतु निर्देश दिये ताकि संघ लाभ की ओर अग्रसर हो सकें ।
जिला कलेक्टर ने राजकीय देवनारायण कन्या छात्रावास ठेंगला के निरीक्षण के दौरान छात्रावास भवन का सुंदर रंग रोगन , बेहतर साफ-सफाई एवं सुंदर गार्डन देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इस दौरान छात्राऔं से भी संवाद स्थापित किया तथा छात्रावास में दी जा रही भोजन व्यवस्था के बारे में भी उनसे चर्चा की। इस दौरान छात्रावास में 46 छात्राएं आवेशित आवास पाई गई जिनमें से अधिकतर बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों के संबंध में अपने कक्षो में अध्ययनरत थीं । वही छात्रावास अधीक्षक भावना शर्मा आवासित छात्राओं के भोजन संबंधित व्यवस्था हेतु बाजार गई हुई बताया गया।
जिला कलेक्टर ने इस दौरान ठिगला स्थित यस दिव्यांग सेवा संस्थान के मेंटल रिटारडेड होम एवं स्पेशल स्कूल का निरीक्षण किया । जिसमें 50 बच्चे उपस्थित थे ,जिनका डॉक्टर दीपेश द्वारा फिजियोथेरेपी की जा रही थी एवं विशेष शिक्षकों द्वारा उन्हें शिक्षण प्रशिक्षण करवाया जा रहा था ।
जिला कलेक्टर ने इस दौरान आवासीय ग्रहण के रसोईघर एवं विद्यालय का भी निरीक्षण किया। संस्था संचालक सीमा अरोड़ा ने बताया कि उनकी संस्था 2007 से कार्य कर रही है ,जहां पर बौद्धिक दिव्यांग एवं शारीरिक दिव्यांग बच्चों को शिक्षण प्रशिक्षण के द्वारा आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है ।