शास्त्रार्थ के संवाहक थे चूरू के ऋषि गणपति शर्मा मनाई पुण्यतिथि, अर्पित की पुष्पांजलि

शास्त्रार्थ के संवाहक थे चूरू के ऋषि गणपति शर्मा मनाई पुण्यतिथि, अर्पित की पुष्पांजलि


चूरू। शास्त्रार्थ के संवाहक थे चूरू के ऋषि गणपति शर्मा की पुण्यतिथि मंगलवार को श्रद्धापूर्वक मनाई गई।
संवाद संस्थान की ओर इन्द्रमणि पार्क में आयोजित पुण्यस्मृति दिवस कार्यक्रम में उपस्थित चूरू के सुधिजनों पं.गणपति शर्मा की प्रतिमा पर श्रद्धा के पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
कार्यक्रम में नगरश्री के सचिव श्यामसुन्दर शर्मा ने पं.शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि चूरू के गौरव गणपति शर्मा ऐसे ऋषि थे जिन्होंने शस्त्र से नहीं शास्त्रार्थ से भारत के शीष कश्मीर की रक्षा की। कश्मीर के राजा को चुनौती दी थी कि या तो उनसे शास्त्रार्थ कर पराजित करें या फिर कश्मीर छोड़े। इसी चनौती को स्वीकार किया गणपति शर्मा ने और न केवल पादरी को शास्त्रार्थ में हराया बल्कि उसे कश्मीर छोड़ने के लिए बाध्य किया। ऐसे महापुरुषों को चूरू की आनेवाली संतति जाने। उन्होंने संवाद संस्थान ने आयोजन की पहल को दूसरे साल भी जारी रखने को सकारात्मक प्रयास बताया। संवाद के प्रतिनिधि सुधाकर सहल ने पं.शर्मा के जीवनवृत को रेखांकित किया। नरेन्द्र शर्मा ने आभार प्रकट किया।
इससे पूर्व मंगतूराम चोटिया, सुरेश सारस्वत, योगेश गौड़, दिनेश शर्मा , मोहन गढ़वाल, देवकान्त शर्मा, महेश मिश्रा,  कैलाश नोवाल, लवकुमार कालिया, बाबू पाटिल , इंद्रसिंह शेखावत, एडवोकेट नरेन्द्र शर्मा, डूंगरमल शर्मा, अशोक सैनी, सुरेश मिश्रा, हेमन्त मुदगल, बालकिशन बावलिया, केदार शर्मा, सोहन वर्मा, मूलचंद अजाड़ीवाल व अनिल शर्मा आदि ने पं. गणपति शर्मा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।कार्यक्रम का संचालन रवि दाधीच ने किया ।