हुआ डीएनए टेस्ट तो गाय असली गोपालक को मिल गई पुलिस ने लगादी थी एफआर टॉवर पर चढ़कर गोपालक ने जताई थी नाराजगी आखिर में जीत गोपाक दुलाराम की हुई।

चूरू। किसी दूसरे व्यक्ति ने एक गोपालक की गाय चुराली। जिसको लेकर गोपालक ने पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक गाय दिलाने के लिए गुहार लगाई। जिस पर पुलिस असल में गाय किसकी है का पता लगाने के लिए दुबारा जांच शुरू हुई। पुलिस ने गाय की डीएनए जांच करवाई तो मामला सुलझ गया और गाय असली गोपालक के घर पहुंच गई।
हुआ यूं कि सरदारशहर के वार्ड नम्बर एक रामनगर बास के 70 वार्षिय पशुपालक दूलाराम की गाय करीब 18 महीने पहले 8 दिसंबर 2021 को चोरी हो गई थी। इस दौरान किसी ग्रामीण ने फोन करके बताया कि उसकी गाय मेरी दुकान के पास खड़ी है। इस पर दूलाराम जाकर गाय को ले आया लेकिन तभी इसी क्षेत्र के छः-सात लोगों के साथ परतुराम उसके घर आया और अपने साथ गाय ले गए।
परतुराम का कहना था गाय उसकी है जिसका उसने दावा भी किया। गोपालक दुलाराम गाय के मामले को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश हुए और पीड़ा व्यक्त करते हुए शिकायत दर्ज करवाई। क्योंकि इससे पहले दुलाराम ने सरदारशहर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई लेकिन पुलिस ने इसे हल्के में लिया लेकिन एसपी ने निर्देश दिए तब पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
टॉवर पर चढ़कर जताई नाराजगी
सूत्रों की माने तो पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन गंभीरता से नहीं लिया तथा एफआर तक लगादी। जिस पर अपनी गाय जाने से दुखी हुए दुलाराम करीब छः माह पूर्व टॉवर पर चढ़ गए तथा आक्रोश के साथ अपनी पीड़ा बयां की। उसी दौरान संयोग से सरदारशहर उपचुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दौरे पर आए हुए थे। पुलिस उस समय गंभीर हुई और बात नहीं बिगड़े इसलिए आईजी बीकानेर ने गाय चोरी मामले की जांच तारानगर के पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश गोदारा को दी। जिन्होंने इस गाय चोरी प्रकरण की जांच दुबारा नए तरीके से शुरू की।
डीएनए जांच करवाया पता कि गाय किसकी है
तारानगर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश गोदारा ने मामले की गंभीरता को समझा और बिंदूवार जांच शुरू की। पुलिस को दूलाराम ने बताया कि उसके घर गाय की मां भी है। उसकी पहलेवाली गाय की बेटी (बच्छिया) है जिसे उससे जबरन छीना गया है। तब पुलिस ने मामले का निपटारा करने के लिए दूलाराम के घर में मौजूद गाय और चुराकर ले जाई गई गाय की डीएनए जांच करवाई।
हैदराबाद लैब में हुई जांच
उल्लेखनीय है कि जांच राजस्थान में नहीं बल्कि हैदराबाद में होती है। इसलिए जांच के सैम्पल हैदराबाद भेजे गए। डीएनए जांच के लिए भेजे गए सैम्पल की रिपोर्ट हैदराबाद से आते ही पुलिस ने शनिवार को इस प्रकरण का निस्तारण कर दिया। असल में गाय गोपालक दुलाराम की होना साबित हुआ। तो पुलिस ने गाय को दुलाराम को सौंप दिया। लम्बे संघर्ष के बाद दुलाराम को जब अपनी गाय मिल गई तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दुलाराम ने अपनी गाय के लिए बहुत कुछ दाव पर लगा दिया। आखिर जीत सच्चे गोपालक की हुई।