बाल संरक्षण, बाल अधिकारों के प्रति आमजन को करें जागरूक

बाल अधिकारों व बाल संरक्षण के मुद्दों पर क्षमतावर्द्वन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
सवाई माधोपुर, 11 फरवरी। बाल अधिकारों व बाल संरक्षण मुद्दों मीडिया की भूमिका, कार्य एवं कर्Ÿाव्यों विषय पर क्षमतावर्द्वन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन प्रयत्न संस्था द्वारा शनिवार को सहायक निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क सवाई माधोपुर हेमन्त सिंह के मुख्य आतिथ्य में रणथम्भौर रोड़ स्थित होटल सिद्धी विनायक में हुआ।
सहायक निदेशक ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है उनका संरक्षण, विकास और उनको सही दिशा देकर उन्हें आत्मनिर्भर एवं जिम्मेदार नागरिक बनाना हम सबका नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड तथा शहर के अन्य चौराहों पर भिक्षावृŸिा, होटलों, ढाबों तथा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर बच्चों से श्रम करवाना बाल अधिकारों का हनन् है। उन्होंने सभी मीडिया कर्मियों से कहा कि वे जहां कहीं भी बालश्रम, बालकों द्वारा भिक्षावृŸिा होती देखे तो वे इसकी सूचना पुलिस, बाल अधिकारिता विभाग को दे ताकि उनका पुर्नवास किया जा सकें। उन्होंने सभी विद्यालयों में नैतिक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को उनके अधिकारियों संबंधित अधिनियमों की जानकारी एवं बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में खेल गतिविधियों आयोजित की जानी चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार राजेश शर्मा ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। मीडिया सामाजिक सरोकार से जुड़े बाल संरक्षण, बाल अधिकारों तथा बालकों से जुड़ी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में आमजन को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाए ताकि बच्चांे का भविष्य उज्जवल बन सकें।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेश कुमार सौगानी ने कहा कि मोबाइल और सोशल मीडिया के दुष्परिणाम को देखते हुए बच्चांे को दूर रखा जाए। बच्चांे से संबंधित समाचार प्रकाशित करने से पूर्व मीडियांे को राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा निर्धारित नियमावली का पालन करना चाहिए।
प्रयत्न संस्था के एडवोकेसी ऑफिसर राकेश कुमार तिवाड़ी ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाल अधिकारिता विभाग द्वारा मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को जिलेवार नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंन कार्यशाला में बाल अधिकारिता विभाग की ओर से स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए प्रस्तावित राज्य नीति, 2022 तथा विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि सड़क, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, फ्लाईओवर के नीचे बिना माता-पिता अभिभावक के रहने वाले बालक/बालिका, बेघर, परित्यक्त, गुमशुदा, भीख मांगने वाले, कचरा बिनने वाले, करतब दिखाने वाले, सड़क पर नशा करने वाले, सड़क के समीप अनैतिक कार्यो में संलिप्त बालक/बालिकाओं को नेहरू बाल कल्याण कोष, पालनहार सहित अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलवाकर उनका भविष्य बिगड़ने से रोक सकते हैं।
प्रयत्न संस्था के एडवोकेसी ऑफिसर ने कहा कि बालकों के विरूद्ध हिंसा, दुर्व्यवहार, शोषण एवं उत्पीड़न के प्रकरणों मंे बालकों, उनके अभिभावक, रिश्तेदारों के नाम व पहचान को उजागर नहीं करें। उन्होंने राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट चिल्ड्रन राज्य नीति 2022 कर उद्देश्य स्ट्रीट चिल्ड्रन के शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक, शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक उत्थान एवं समुचित पुनर्वास सुनिश्चित करते हुए उनके अधिकारों का संरक्षण करना ताकि वे अपनी क्षमताओं को पूर्ण रूप से प्राप्त कर समाज की मुख्य धारा मंे जुड़ सकें।
कार्यशाला में पत्रकार अरविन्द सिंह चौहान, गिरिराज शर्मा, लोकेश टटवाल, महेश सोनी, अभिनव अग्रवाल, राजमल जैन, सतीश वर्मा, हरकचन्द जैन, राकेश अग्रवाल, नईम अख्तर, नरेन्द्र शर्मा, प्रयत्न संस्था के सद्दाम हुसैन सहित अन्य पत्रकार उपस्थित रहे।