संगीत है आत्मा की आवाज़ – वर्ल्ड म्यूज़िक डे पर जुबिन, शाल्मली और अन्य कलाकारों ने खोले दिल के राज

वर्ल्ड म्यूज़िक डे के अवसर पर जुबिन नौटियाल, शाल्मली खोलगड़े, बी प्राक, जोनिता गांधी और अन्य कलाकारों ने बताया कि संगीत उनके जीवन में कितना गहरा और भावनात्मक स्थान रखता है।

संगीत है आत्मा की आवाज़ – वर्ल्ड म्यूज़िक डे पर जुबिन, शाल्मली और अन्य कलाकारों ने खोले दिल के राज
संगीत है आत्मा की आवाज़ – वर्ल्ड म्यूज़िक डे पर जुबिन, शाल्मली और अन्य कलाकारों ने खोले दिल के राज

21 जून, 2025वर्ल्ड म्यूज़िक डे के खास मौके पर भारत के मशहूर और बहुप्रशंसित संगीत कलाकारों ने साझा किया कि संगीत उनके लिए केवल पेशा या शोहरत का साधन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक, आत्मिक और जीवनदायिनी अनुभव है। बी प्राक, जुबिन नौटियाल, शिल्पा राव, जोनिता गांधी, स्टेबिन बेन, शाल्मली खोलगड़े और कुशाग्र जैसे लोकप्रिय कलाकारों ने यह बताया कि संगीत उनके जीवन में कैसे एक गहरा स्थान रखता है।

बी प्राक: “संगीत मेरे लिए जीवनरेखा है”
प्रसिद्ध गायक और संगीतकार बी प्राक कहते हैं, “संगीत मेरे लिए सिर्फ ध्वनि नहीं है, यह मेरी आत्मा की अभिव्यक्ति है। मेरे हर गीत में मेरी सच्चाई, मेरी भावनाएं और मेरी यात्रा छिपी होती है। चाहे अच्छे पल हों या मुश्किल वक्त, संगीत हमेशा मेरे साथ रहा है। मैं इस उपहार के लिए हर दिन आभार व्यक्त करता हूं।”

जुबिन नौटियाल: “संगीत मेरी ऑक्सीजन है”
पहाड़ी दिल से निकली आवाज़ जुबिन कहते हैं, “जब सब कुछ उलझा होता है, तब संगीत सुकून देता है। यह मेरे विचारों को स्वर देता है जब शब्द नहीं मिलते। स्टेज पर या पहाड़ों में — हर जगह संगीत मेरे भीतर की अभिव्यक्ति बन जाता है। यही मेरा सच्चा संसार है।”

शिल्पा राव: “संगीत मेरी शरण है”
शिल्पा संगीत को एक ऐसा स्थान मानती हैं जहां वे खुद को पूरी तरह समझ पाती हैं। “संगीत ने मुझे लोगों, अनुभवों और खुद से जोड़ा है। इसमें सिर्फ गीत नहीं, कहानियाँ और यादें भी होती हैं जो हमेशा मेरे साथ रहती हैं।”

जोनिता गांधी: “हर सुर मेरी पहचान का हिस्सा है”
जोनिता के लिए संगीत उनके अतीत की जड़ों और भविष्य के सपनों के बीच पुल की तरह है। “जब कोई मेरा गाना सुनकर कुछ महसूस करता है, वो मेरे लिए सबसे बड़ा इनाम होता है। यही कनेक्शन सबसे खूबसूरत होता है।”

स्टेबिन बेन: “संगीत मेरे लिए सच्चा प्यार है”
स्टेबिन मानते हैं कि लोग अपनी ज़िंदगी के हर एहसास को किसी न किसी गाने से जोड़ते हैं। “जब मेरी आवाज़ उनकी यादों और जज़्बातों का हिस्सा बनती है, तो मुझे लगता है मैंने कुछ अर्थपूर्ण किया है। संगीत के जरिए मैं प्रेम लौटाता हूं।”

शाल्मली खोलगड़े: “संगीत ने मुझे निडर बनना सिखाया”
“संगीत मेरी शक्ति है — इससे मैंने हँसी, विद्रोह और आत्मचिंतन सभी को अपनाया है। यह एक निरंतर यात्रा है और आज का दिन इस यात्रा को सलाम करने का अवसर है।”

कुशाग्र: “संगीत मेरी आत्मा की भाषा है”
युवा आवाज़ कुशाग्र कहते हैं, “मेरे लिए संगीत वो माध्यम है जिसमें मैं वो कह सकता हूं जो शब्दों से नहीं कहा जा सकता। यह बेहद व्यक्तिगत और शक्तिशाली है। मैं बस चाहता हूं कि मेरी आवाज़ किसी दिल को छू सके।”