सांसद खेल महोत्सव में अव्यवस्था चरम पर मैदान गंदगी से पट खिलाड़ियों का मनोबल चकनाचूर
फुलेरा (राजकुमार देवाल)। सांसद खेल महोत्सव का चौथा दिन उत्साह से ज्यादा शर्मिंदगी का कारण बन गया। जिस मैदान पर खिलाड़ियों को जोश, प्रेरणा और खेल भावना मिलनी चाहिए, वहां कचरे के ढेर, टूटी डिस्पोज़ल सामग्री, और बदबू ने पूरे आयोजन की साख पर सवाल खड़े कर दिए। सुबह मुकाबले शुरू होने से पहले ही खिलाड़ी और अभिभावक मैदान की हालत देखकर सकते में पड़ गए। कई जगह बोतलें, पॉलिथिन, और बिखरा कचरा देखकर लोग आपस में यही चर्चा करते दिखे कि “जब मैदान ही साफ नहीं, तो इसे महोत्सव कहने का हक किसे है?”स्थानीय लोगों ने जिम्मेदार विभागों की घोर लापरवाही पर कड़े शब्दों में नाराज़गी जताते हुए कहा कि करोड़ों खर्च के दावे तो खूब किए जाते हैं, लेकिन व्यवस्थाओं का हाल हर बार यही रहता है। खिलाड़ियों का मनोबल मैदान की सूरत देखकर टूटता जा रहा है, लेकिन कोई अधिकारी मौके पर हाल जानने तक नहीं पहुंचा।लोगों का कहना है कि यदि आयोजन समिति और संबंधित विभाग तुरंत सफाई व व्यवस्था दुरुस्त नहीं करते, तो यह महोत्सव खेल का उत्सव नहीं बल्कि अव्यवस्था का “दर्पण” बनकर रह जाएगा। फिलहाल मैदान की दुर्दशा ने पूरे आयोजन की गुणवत्ता और गंभीरता पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
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