संसद की गरिमा बनाए रखें: जगदीप धनखड़

संसद की गरिमा बनाए रखें: जगदीप धनखड़

नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सदन की परंपराओं और गरिमा को बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने सदस्यों से अध्यक्ष के फैसलों का सम्मान करने और सदन की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया। धनखड़ ने कहा, "राज्यसभा को वरिष्ठों का सदन कहा जाता है। हमें इसे चर्चा, संवाद और नियमों के पालन का आदर्श स्थान बनाना चाहिए।"  

संविधान को अपनाने की महत्ता पर बल 
सभापति ने संविधान को अपनाने के ऐतिहासिक अवसर पर विचार करते हुए कहा कि यह जिम्मेदारी और सम्मान की भावना को बढ़ाने का समय है। उन्होंने अध्यक्ष के फैसलों को मतभेद के बजाय निर्देश के रूप में देखने की आवश्यकता पर बल दिया।  

नियमों के तहत उठाए जाएं मुद्दे  
उन्होंने कहा कि सदन में सभी मुद्दों को नियमों के अनुसार उठाने का अवसर मिलेगा। नियमों का पालन किए बिना दिए गए नोटिसों को अस्वीकार करना आवश्यक है।  

विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव और हंगामा  
विपक्ष ने अडाणी समूह के अभियोग और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई घटना पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने नियम 267 के तहत अडाणी समूह पर अमेरिकी अदालत में लगे गंभीर आरोपों पर चर्चा की मांग की। विपक्ष की मांगों को लेकर संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ, जिसके चलते कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।  

सभापति की अपील 
धनखड़ ने कहा कि मुद्दों को नियमों के तहत उठाना सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने सदस्यों से सदन की परंपरा और गरिमा बनाए रखने के लिए सकारात्मक भूमिका निभाने की अपील की।