28 साल बाद भी विकास से कोसों दूर बालाजी विहार–35, बदहाली का फटता सच आया सामने
जयपुर(कास)। न्यू ट्रांसपोर्ट नगर, टोडी मोड़ के बीचों-बीच स्थित बालाजी विहार–35 कॉलोनी 28 वर्षों बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहकर प्रशासनिक उपेक्षा की मिसाल बन गई है। वर्ष 1996 में गणपति गृह निर्माण समिति द्वारा विकसित इस कॉलोनी में आज 60 से 65 प्रतिशत आबादी निवास कर रही है, लेकिन यहां पक्की सड़क, सीवरेज, सरकारी जलापूर्ति, कचरा प्रबंधन और स्ट्रीट लाइट जैसी मूल सुविधाएं अब तक उपलब्ध नहीं हो सकीं। हालात ऐसे हैं कि बरसात में गलियां कीचड़ से भर जाती हैं और गर्मी में उड़ती धूल लोगों के स्वास्थ्य पर असर डालती है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कॉलोनी को आज तक 90A में शामिल नहीं किया गया, इसी कारण यह क्षेत्र कई सरकारी योजनाओं की परिधि से बाहर रह गया। जबकि निवासी नियमित रूप से कर अदा कर रहे हैं। सीवरेज लाइन के अभाव में गंदा पानी खुले में बहता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। सरकारी पानी की लाइन नहीं होने से लोगों ने आपसी सहयोग से बोरवेल लगवाया, पर वह जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहा।
निवासियों के अनुसार बिजली कटौती बिना सूचना होती है और स्ट्रीट लाइट न होने से रात में अंधेरा छाया रहता है, जिससे सुरक्षा चिंता बढ़ गई है। नक्शे में पार्क का प्रावधान होने के बावजूद आज उसका अस्तित्व नहीं है। नगर निगम की कचरा गाड़ी भी कॉलोनी में नहीं आती—न डस्टबिन, न नियमित सफाई।
कॉलोनीवासियों ने प्रशासन से बालाजी विहार–35 को तत्काल 90A में शामिल करने, सड़क, सीवरेज व जलापूर्ति शुरू कराने, स्ट्रीट लाइट लगाने, पार्क विकसित करने और नियमित कचरा उठाव की मांग की है। लोगों का कहना है कि 28 साल का इंतजार अब अपमान जैसा लगने लगा है—अब देखना है प्रशासन कब सुध लेता है।
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