राजस्थान में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को 10 हजार करोड़ का स्मार्ट मीटर टेंडर, ऊर्जा मंत्री बोले—पिछली सरकार का फैसला

राजस्थान में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को 10 हजार करोड़ का स्मार्ट मीटर टेंडर, ऊर्जा मंत्री बोले—पिछली सरकार का फैसला

राजस्थान में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। गोवा में ब्लैक लिस्टेड *मैसर्स जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड* को प्रदेश सरकार ने 10 हजार करोड़ से अधिक का टेंडर दे दिया। हैरानी की बात यह है कि कंपनी को ब्लैक लिस्ट किए जाने के सिर्फ 23 दिन बाद ही यह जिम्मेदारी सौंप दी गई।

करीब डेढ़ करोड़ उपभोक्ताओं के मीटर लगाने के लिए जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम ने इसी कंपनी को टेंडर प्रदान किया है। यह फैसला ऐसे समय में हुआ जब गोवा में लापरवाही के कारण कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था।

मामले में सवाल उठने पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विभाग को कंपनी के ब्लैक लिस्ट होने की जानकारी नहीं थी और यह टेंडर प्रक्रिया पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई थी। हालांकि, विपक्ष ने इस पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे नियमों की अनदेखी और उपभोक्ताओं के हितों के साथ खिलवाड़ बताया है।

अब इस सौदे पर पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर बहस तेज हो गई है, जबकि उपभोक्ता संगठनों ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।