भारत में उज्बेक लड़कियों का सेक्स रैकेट: जबरन अबॉर्शन, सर्जरी से बदला चेहरा, रशियन बताकर किया जाता है सौदा

दिल्ली, 14 जुलाई। नौकरी का सपना दिखाकर भारत लाई जा रहीं उज्बेकिस्तानी लड़कियों को दिन-प्रतिदिन यौन शोषण के अंधे कुचक्र में झोंका जा रहा है। यूपी की राजधानी लखनऊ में हाल ही में एक बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ, जिसमें उज्बेकिस्तान की दो युवतियों को छुड़ाया गया और इस गैंग की मास्टरमाइंड लोला कायूमोवा अभी भी फरार है।
49 वर्षीय लोला उज्बेकिस्तान की ही रहने वाली है और प्लास्टिक सर्जरी करवाकर खुद को रशियन दिखाने लगी है। दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और यूपी जैसे राज्यों में उसका नेटवर्क सक्रिय है, जिसमें 50 से ज्यादा उज्बेक लड़कियां शामिल हैं। इन्हें दिन के हिसाब से दलालों को बेचा जाता है। कुछ मामलों में गर्भवती होने पर जबरन अबॉर्शन करवा दिए गए, और डॉक्टर भी दलालों के साथ मिले पाए गए।
दैनिक भास्कर की पड़ताल में पता चला कि प्लास्टिक सर्जरी इसलिए करवाई जाती है ताकि ग्राहकों को ये लड़कियां रशियन लगे, जिससे ज्यादा पैसे मिल सकें। वहीं, फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज बनवाकर भारत में इनका अवैध प्रवास आसान बना दिया जाता है। कई लड़कियों को दिल्ली में बिना पासपोर्ट-वीजा के गिरफ्तार किया गया है और वे कोर्ट ट्रायल के चलते यहीं फंसी हुई हैं।
यह एक खतरनाक और अमानवीय नेटवर्क है, जिसमें मानव तस्करी, जालसाजी और जबरन देह व्यापार के गहरे धागे जुड़े हुए हैं।