अमेरिकी टैरिफ का असर : कालीन और जेम्स उद्योग पर संकट, लाखों की नौकरी खतरे में

जयपुर/भदोही।
अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने का सीधा असर अब देश के पारंपरिक उद्योगों पर दिखने लगा है। कालीन, टेक्सटाइल और जेम्स-स्टोन सेक्टर में बड़े ऑर्डर होल्ड हो गए हैं, जिससे हजारों कारीगरों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
उत्तर प्रदेश के भदोही में कालीन बुनाई का काम करने वाले हरिश्चंद को 18 अगस्त को नौकरी से निकाल दिया गया। पिछले 10 साल से गलीचे बुनने वाले हरिश्चंद अब भदोही बाजार में केले का ठेला लगाने को मजबूर हैं। वे बताते हैं कि उनकी कंपनी में 60-70 कारीगर थे, जिनमें से 40 को अचानक निकाल दिया गया। कंपनी का कहना है कि विदेशों से आए ऑर्डर रोक दिए गए हैं और अगले 5-6 महीने तक काम मिलने की संभावना नहीं है।
दूसरी ओर, राजस्थान के जयपुर के जौहरी बाजार में कीमती पत्थरों की तराशी करने वाले कारीगर आसिफ भी चिंता में हैं। उनका कहना है कि अमेरिकी टैरिफ की खबर के बाद से यही डर सता रहा है कि कहीं रोजगार न छिन जाए। यह उनका खानदानी पेशा है और इस उम्र में नया हुनर सीखना आसान नहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के इस फैसले से भारत का 2000 करोड़ रुपये का टेक्सटाइल और जेम्स एक्सपोर्ट प्रभावित होगा। इससे सीधे तौर पर करीब 6 लाख लोगों की नौकरियां खतरे में आ सकती हैं।
अमेरिकी बाजार में भारतीय सामान महंगा होने से डिमांड घटेगी, जिससे प्रोडक्शन में गिरावट और कारीगरों की बेरोजगारी बढ़ना तय है। यह संकट न सिर्फ पारंपरिक कारीगरों बल्कि भारत की एक्सपोर्ट इकॉनमी के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता है।
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