प्रदेश में 499 नए पशु चिकित्सा उप केंद्र खोलने की स्वीकृति: पशुपालकों को गांव में ही मिलेगा इलाज
जयपुर। राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा के तहत 499 नए पशु चिकित्सा उप केंद्र खोलने की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की है। पशुपालन एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि इन केंद्रों के संचालन के लिए 998 नए पद सृजित किए गए हैं। इस कदम से पशुपालकों को उनके गांव में ही पशु चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी।
पशु चिकित्सा सेवाओं का विस्तार:
मंत्री कुमावत ने कहा कि खुशहाल पशुपालक ही विकसित राजस्थान के सपने को साकार कर सकते हैं। पशुओं की चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार ने पिछले एक साल में पशुपालकों के हित में कई कल्याणकारी कदम उठाए हैं। 499 नए उप केंद्रों की स्थापना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
संचालन के लिए विशेष प्रबंध:
इन केंद्रों पर पशुधन सहायक और पशुधन परिचर के 998 पदों के साथ-साथ उपकरणों और फर्नीचर के लिए प्रति केंद्र 30,000 रुपये की स्वीकृति दी गई है। इन केंद्रों के माध्यम से टीकाकरण और छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज समय पर नजदीक ही किया जा सकेगा।
पिछले वर्ष के सुधार:
सरकार ने पिछले साल 25 प्रथम श्रेणी के पशु चिकित्सालयों को बहुद्देशीय पशु चिकित्सालयों में, 50 पशु चिकित्सालयों को प्रथम श्रेणी में और 100 पशु चिकित्सा उप केंद्रों को पशु चिकित्सालयों में क्रमोन्नत किया है।
जिलेवार नए उप केंद्र:
इस आदेश के तहत बाड़मेर में 52, जोधपुर में 31, जालोर में 34, उदयपुर में 27, पाली में 49, बीकानेर में 24, चित्तौड़गढ़ और भरतपुर में 22-22 उप केंद्र खोले जाएंगे। अन्य जिलों में भी उप केंद्रों की स्वीकृति दी गई है, जिससे पूरे प्रदेश में पशु चिकित्सा का ढांचा मजबूत होगा।
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