संस्कृत के पुनर्जागरण का नया दौर: अमित शाह बोले– भारतीय भाषाओं को सशक्त करने का आधार है संस्कृत

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संस्कृत केवल पुनरुत्थान का विषय नहीं, बल्कि भारत की समग्र प्रगति का माध्यम है। रविवार को दिल्ली में 1008 संस्कृत संभाषण शिविरों के समापन पर उन्होंने कहा कि संस्कृत लगभग सभी भारतीय भाषाओं की जननी है और इसे सशक्त बनाने से देश की सभी भाषाएं मजबूत होंगी। उन्होंने संस्कृत को दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा बताते हुए कहा कि इसकी व्याकरणिक संरचना अद्वितीय है।
शाह ने बताया कि मोदी सरकार के नेतृत्व में संस्कृत के पुनर्जागरण के लिए अनुकूल वातावरण बना है। संस्कृत भारती की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों को संस्कृत बोलना सिखाया गया है और देश के 4,000 गांवों में संस्कृत में संवाद होता है। उन्होंने यह भी बताया कि 500 करोड़ रुपये की योजना के तहत देशभर की पांडुलिपियों को एकत्र कर डिजिटलीकृत किया जा रहा है।
शाह ने कहा कि संस्कृत भारत की आस्था, परंपरा और सनातन संस्कृति का प्रतीक है और इसका गूढ़ ज्ञान दुनिया की समस्याओं का समाधान बन सकता है।