किरोड़ी मीणा का बयान : "जहां आफत पड़े, वहां मुझे जाना पड़ता है"
जयपुर।
राज्य के कृषि एवं आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने सोमवार को कहा कि उनकी जिम्मेदारी हर उस जगह पर पहुंचने की है जहां कोई आपदा आती है। उन्होंने कहा, “मैं बाढ़ का मंत्री हूं। जहां बाढ़ पड़े, मकान गिरे, बिजली गिरे या कोई आफत आए, वहां मुझे जाना पड़ता है। यही मेरा काम है।”
डॉ. मीणा जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय मसाला क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि पहले भी वे आपदा मंत्री रह चुके हैं। “जब वसुंधरा राजे 2003 से 2008 तक मुख्यमंत्री थीं, तब मैं आपदा मंत्री था। अब 22 साल बाद फिर से मंत्री बना तो भजनलाल जी ने भी मुझे आपदा विभाग ही दिया। शायद उन्होंने सोचा होगा कि पुराना चार्ज ही दे दो।”*
उन्होंने हाल ही में बाढ़ और हादसों के दौरान रील बनाने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई। मंत्री ने कहा, *“आप रील के चक्कर में मत पड़ना। रील बनाते-बनाते 13 लोग बहकर मर गए। आफत को तमाशा मत समझो। जिम्मेदारी समझो और सतर्क रहो।”*
मीणा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मकसद केवल दौरा करना नहीं बल्कि पीड़ितों को राहत पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि हर आपदा में जनता के बीच रहकर ही वास्तविक स्थिति समझी जा सकती है।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। मंत्री ने लोगों से अपील की कि वे प्रशासन का सहयोग करें और जोखिम भरे कार्यों से बचें।