पीएसीएल घोटाले में खाचरियावास पर ईडी की तेज कार्रवाई: समर्थकों में हलचल

जयपुर में पीएसीएल (Pearl Agrotech Corporation Limited) घोटाले से जुड़ा मामला उभरते ही प्रताप सिंह खाचरियावास, जो गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके हैं, पर गंभीर आरोप लगे हैं। 48 हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले में उनके परिवार के नाम पर पीएसीएल में अनुचित लेन-देन हुए थे। ईडी (महावाणिज्य विभाग) की टीम ने मंगलवार सुबह लगभग 5 बजे खाचरियावास के आवास सहित कई ठिकानों पर छापे मारे। खबर के अनुसार, रियल एस्टेट में निवेश कार्य से जुड़ी इस कंपनी के मामले में लाखों निवेशकों का पैसा प्रॉपर्टी और अन्य सेक्टरों में लगा दिया गया था।
घोटाले का खुलासा होते ही जयपुर के सिविल लाइंस के आस-पास समर्थकों ने सक्रिय नारेबाजी शुरू कर दी। समर्थकों ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए खाचरियावास के आवास के बाहर जमा होकर नारे लगाए। ऐसे ही माहौल में पुलिस और ईडी टीम ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए तीन थानों की फोर्स भेजी। प्रभावित माहौल के बीच खाचरियावास स्वयं बाहर आकर समर्थकों को शांत करने में सफल रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी उनकी व्यक्तिगत आलोचनाओं के कारण आवास पर सर्च कर रही है।
पीएसीएल मामले में निवेश करने वाले प्रदेश के 28 लाख लोगों ने कुल 2850 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जबकि देश भर में 5.85 करोड़ निवेशकों ने कुल 49100 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इस कंपनी पर विभिन्न राज्यों में मुकदमों की भरमार हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करने के निर्देश जारी किए थे ताकि निवेशकों को ब्याज सहित भुगतान किया जा सके।
खाचरियावास ने ईडी पर आरोप लगाया कि वह सरकार और भाजपा के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करता है। उन्होंने कहा कि वे पूरे सर्च में पूरा सहयोग करेंगे, किन्तु ईडी की कार्रवाई से उन्हें भारी चोट पहुंची है। यह मामला राज्य और देशभर के रियल एस्टेट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।