जयपुर में ‘ज्योणार’ में उमड़ा जनसैलाब: 70 हजार लोगों ने किया भोज, हर घंटे बनीं 25 हजार बाटी, 250 पीपे घी और 1500 किलो दाल का इस्तेमाल

जयपुर में ‘ज्योणार’ में उमड़ा जनसैलाब: 70 हजार लोगों ने किया भोज, हर घंटे बनीं 25 हजार बाटी, 250 पीपे घी और 1500 किलो दाल का इस्तेमाल

जयपुर, 14 जुलाई। रविवार को जयपुर ने अपनी रियासतकालीन परंपरा ‘ज्योणार’ को भव्य रूप से पुनर्जीवित किया। सांगानेरी गेट स्थित अग्रवाल कॉलेज ग्राउंड में आयोजित इस विशाल आयोजन में 70 हजार से अधिक लोगों ने पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लिया। देसी घी में बनी दाल-बाटी, चूरमा और मिर्ची के टिपोरे ने शहरवासियों को आत्मीयता से जोड़ा।

भोजन व्यवस्था के लिए तीन विशाल वाटरप्रूफ डोम लगाए गए, जहां एक बार में 4,000 लोग टेबल-कुर्सियों पर बैठकर भोजन कर सके। आयोजन की शुरुआत महापौर कुसुम यादव ने स्वयं दाल बाटी परोसकर की।

500 हलवाइयों की टीम तीन दिन से इस तैयारी में जुटी थी। हर घंटे 25,000 बाटियां बनीं और कुल 250 पीपे देसी घी, 1500 किलो दाल, 15000 किलो आटा, 1000 किलो मिर्ची, 1500 किलो बेसन और 2500 किलो दही का इस्तेमाल हुआ।

आयोजन समिति ने बताया कि 50,000 लोगों ने कूपन से और 20,000 अन्य आमंत्रित लोगों ने भोजन किया। 20 रुपये टोकन मनी लेकर व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम में जयपुर की कला, संस्कृति और इतिहास को दर्शाती झांकियां भी लगाई गईं।

सुरक्षा के लिए 100 पुलिसकर्मी, 100 प्राइवेट गार्ड और 500 वॉलंटियर तैनात रहे। पार्किंग की व्यवस्था रामनिवास बाग, घाटगेट और संजय बाजार क्षेत्र में की गई, जहां हजारों दोपहिया और चारपहिया वाहनों ने पार्किंग ली।

मेयर ने घोषणा की कि इसे हर साल आयोजित करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि जयपुर की सदियों पुरानी परंपरा फिर से जीवंत हो सके।