राजस्थान में अटकी भाजपा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति: डेडलाइन पार, प्रदेशाध्यक्ष चुनाव पर भी असर

राजस्थान में भाजपा के संगठन चुनावों की प्रक्रिया में देरी हो रही है। 10 जनवरी तक जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पूरी होनी थी, लेकिन अब तक किसी भी जिले में जिलाध्यक्ष का निर्वाचन नहीं हो सका। इस देरी के चलते 15 जनवरी को होने वाले प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव पर भी असर पड़ रहा है, क्योंकि इसमें जिलाध्यक्षों की भागीदारी जरूरी है।
प्रदेश में भाजपा के 44 जिलों में से 23 जिलाध्यक्षों का निर्वाचन प्राथमिकता पर होना है। नेताओं की व्यक्तिगत पसंद-नापसंद और विवादों के चलते यह प्रक्रिया रुकी हुई है। संगठन महामंत्री बीएल संतोष आज जयपुर में बैठक लेकर इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
संगठन चुनावों के शेड्यूल के अनुसार, 30 दिसंबर तक जिलाध्यक्षों का निर्वाचन और 15 जनवरी तक प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव होना था। हालांकि, बूथ और मंडल स्तर के चुनाव भी देरी से पूरे हुए। अब मदन राठौड़ का प्रदेशाध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है, लेकिन जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बिना यह प्रक्रिया अधूरी है।
पार्टी ने अब निर्विवादित जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी है ताकि प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव समय पर हो सके। इससे पहले भी बीएल संतोष ने सदस्यता अभियान में देरी पर कड़ी नाराजगी जताई थी, जिसके बाद अभियान में तेजी आई थी।