ये क्या हो रहा है?
अस्पताल में बिजली हुई गुल, मरीज हुए परेशान
- इमरजैंसी सेवाओं के नाम पर नहीं है जवाब
अलवर। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में होने वाली समीक्षात्मक बैठक अब खानापूर्ति बन चली है। बस बैठक तक ही दिशा-निर्देश व सख्त कार्रवाई ओर जवाबदेही होती है। बैठक समाप्त होने के बाद किस ने देखा कहां अनियमितताएं हो रही हैं या कहां अनदेखी हो रही है। ऐसा ही एक नजारा मंगलवार को जिला सामान्य चिकित्सालय में देखने को मिला जब रात करीब दस बजे अचानक बिजली गुल हो गई ओर मरीज तथा स्टाफ परेशान हो चला लेकिन उस स्थिति में किसी के पास जवाब नहीं कि, ऐसा समय आए तो क्या होना चाहिए ओर कौन जिम्मेदार होता है जिसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो कि आगे से वह भी सजग रहे ओर मरीजों व अस्पताल स्टाफ को परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसका जवाब यहां के पीएमओ के पास भी नहीं है ओर ना जिला प्रशासनिक अधिकारियों के पास।
मंगलवार रात को अचानक सामान्य चिकित्सालय की बिजली गुल होने पर मरीजों को जब परेशानी हुई तो बताया कि किसी के इंजेक्शन लगाने के दौरान तो किसी मरीज को दवा लेने व देेने तथा किसी का उपचार किए जाने के समय कितनी परेशानी हुई जबकि सामान्य चिकित्सालय एक अतिआवश्यक सेवाओं के बीच आता है लेकिन यहां तो सेवाएं ही अस्तव्यस्त हैं। जब एक कर्मचारी से जनरेटर चलाने के लिए बोला तो वह कर्मचारी बोला कि जनरेटर कक्ष की चाबी लेने जाने में समय तो लगता ही है। तो लो अब कर लो क्या कर सकोगे। इसके बारे में जब पीएमओ से बात करनी चाही तो उस समय तो उनका फोन ही नहीं उठा लेकिन दूसरे दिन बुधवार को इस संबंध में पीएमओ ने बताया कि वे इस संबंध में जानकारी लेकर जांच करेंगे ओर कार्रवाई करेंगे। वहीं आगेे से इस तरह की स्थिति ना आए इसकी पूर्व में ही पूर्ण तैयारी कर ली जाएगी और इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर इसका स्थाई समाधान निकाला जाएगा।