पाक बमबारी में उरी के घर तबाह, मुआवजा सिर्फ ₹1.30 लाख; पीड़ित बोले- इतने में तो बाथरूम भी नहीं बनेगा

पाक बमबारी में उरी के घर तबाह, मुआवजा सिर्फ ₹1.30 लाख; पीड़ित बोले- इतने में तो बाथरूम भी नहीं बनेगा

जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर के गिंगल गांव में 7 मई को हुए पाकिस्तानी हमलों में कई घर पूरी तरह तबाह हो गए। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई इस बमबारी में जिन परिवारों के घर उजड़ गए, उन्हें सरकार की ओर से मात्र ₹1.30 लाख का मुआवजा दिया गया है। स्थानीय निवासी सज्जाद अहमद ने बताया, "इतने में तो बाथरूम भी नहीं बनेगा, मकान कैसे बनाएं?" गांव के लोग इस सहायता राशि को 'मजाक' और 'धोखा' बता रहे हैं।

सीजफायर को बीस दिन से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन तबाह हुए परिवार आज भी रिश्तेदारों या पड़ोसियों के घर शरण लिए हुए हैं। 25 दिन से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी न तो घर फिर से बन पाए हैं और न ही कोई स्थायी राहत योजना सामने आई है। जिन घरों को बनाने में लोगों की पूरी जिंदगी लग गई, उन्हें दोबारा खड़ा करना इस मामूली मुआवजे से नामुमकिन है।

पीड़ितों की सरकार से मांग है कि उन्हें सम्मानजनक और पर्याप्त मुआवजा मिले, ताकि वे फिर से सामान्य जीवन शुरू कर सकें।