सुजानगढ़ को जिला नहीं बनाने से आमजन में आक्रोश, हाईवे जाम कर प्रदर्शन

साढ़े 11 बजे जाम शुरू हुआ, जो शाम तक जारी रहा
सुजानगढ़ (नि.सं.)। बरसों से जिस बात की प्रतीक्षा थी और जब घोषणा हुई, तो सबके दिल तोड़ने वाली घटना के रूप में प्रदेश की सरकार द्वारा 19 जिलों की घोषणा सुजानगढ़ वासियों के लिए निकली। क्योंकि प्रदेश भर में अगर देखा जाये तो जिले के लिए सबसे ज्यादा और सबसे लंबा संघर्ष सुजानगढ़वासियों का रहा और जो अनवरत जारी है। जब प्रदेश में 5-7 जिले बनाने की बातें चल रही थी, जो सबसे पहले सुजानगढ़ का नाम सुर्खियों में आता। ऐसे में सुजानगढ़ का नाम नए जिलों की सूची में नहीं आने से आमजन अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगा। लोगों को ’’विधायक मनोज मेघवाल द्वारा दी गई यह प्रतिक्रिया की लाडनू विधायक ने सुजानगढ़ में अपने क्षेत्र के आने से मना कर दिया’’, यह भी गले उतरती नजर नहीं आ रही। रात को गांधी चौक में जनहित संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने सभ कॉल की, तो लोग एकत्रित हो गए और सीएम का पुतला फूंककर विरोध जताते हुए नारेबाजी की और मुख्यमंत्री और विधायक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। दूसरी ओर कुछ गुस्साए युवकों ने सीएम के फोटो लगे होर्डिंग भी फाड़ डाले। इसी दौरान अनिश्चितकालीन बाजार बंद और चक्का जाम की घोषणा भी की गई।
रात में बाजार बंद की सूचना चारों ओर वायरल हुई, तो सुबह बाजार अपने आप की बंद मिले। लोगों में निराशा थी, वो बाजार बंद के रूप में छलक गई। दूसरी ओर गांधी चौक में जनहित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एडवोकेट रामकुमार मेघवाल, बनवारीलाल बिजारिणया, कॉमरेड रामनारायण रूलाणिया, गुरूदेव गोदारा, पार्षद हरीओम खोड़ आदि ने सभा को सम्बोधित किया और चक्काजाम के लिए लोगों से सालासर रोड़ स्थित हाईवे संख्या 58 पर स्थित बोबासर पुलिया पहुंचकर हाईवे जाम करने की अपील की। इसी दौरान पता चला कि भोजलाई चौराहे पर लोगों ने पहले से ही जाम कर दिया है। यहां से सैंकड़ों लोग रवाना हुए और भोजलाई चौराहे पर पहुंचे और वहां पर चक्काजाम में शामिल होने के बाद सभी लोग वाहनों के जरिये बोबासर पुलिस पहुंचे। पुलिस प्रशासन भी साथ रहा और देखते ही देखते जनहित संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों के नेतृत्व में हाईवे जाम कर दिया और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जब साढ़े 11 बजे हाईवे जाम हुआ, तो किसी को इतना अंदेशा नहीं था, लेकिन शाम तक हाईवे जाम जारी रहा। वहां पर कॉमरेड रामनारायण रूलाणिया, भाजपा नेता बीएल भाटी, रामकुमार मेघवाल, पार्षद सिराज खान कायमखानी, बाबूलाल कुलदीप, गुरूदेव गोदारा आदि ने कोर के बोनट पर खड़े होकर लोगों को सम्बोधित किया और जिला नहीं बनने तक सड़क पर से नहीं उठने की अपील की। दूसरी ओर सालासर में भी जाम की सूचना आई, सांडवा की तरफ से भी ऐसे समाचार मिले।
डीजे आया और पकोड़ी बनाकर धरना शुरू-
धरने पर बैठे लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए मौके पर ही पानी के कैंपर मंगवाये गये, थोड़ी ही देर बाद भट्टी लगाकर चाय बनाई गई। फिर सड़क पर ही दरियां लगाकर लोग धरने पर बैठ गए। सड़कों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन को तेज किया गया। सबको गरमागर्म पकोड़ी का वितरण किया गया और धरना शाम तक जारी रहा। दोनों ओर से आने वाले वाहन चालक और आम यात्री परेशान हो गए। महिलाएं, स्कूली बच्चों, मरीजों को किसी ने कुछ नहीं कहा और उनका आवागमन जारी रहा। दो तीन घंटे के दरमियान डीजे आ गया, जिस पर हाथों में तिरंगे लेकर लोगों ने ठुमके भी लगाये।
दोनों ओर पुलिस का जाप्ता -
प्रशासनिक तौर पर देखा जाये, तो मौके पर उपखंड अधिकारी मूलचंद लूणिया, तहसीलदार प्रवीण कुमार मौजूद रहे। दूसरी ओर सदर थाने के सीआई मनोज कुमार मूंड, कोतवाली सीआई मुकुट बिहारी मीणा भी मय जाप्ते के मौजूद रहे। बीदासर डीएसपी प्रहलादराय, सुजानगढ़ डीएसपी रामप्रताप विश्नोई के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता तैनात रहा। इधर विधायक मनोज मेघवाल के आवास पर पार्षद मनोज पारीक, पार्षद हरिओम खोड़, रविन्द्र पांडे, हिमांशु भाटी, शिवभगवान चौहान, वैभव भाटी, विनोद टेलर, रामवतार सैनी, भींवराज प्रजापत, राकेश, शंकरलाल, आकाश, राहुल, मोहित सहित अनेक भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
इस्तीफों का दौर शुरू -
जनहित संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर हो रहे प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर टायर जला कर नारेबाजी की। चूंकि सुजानगढ़ में 422 दिनों से जिले की मांग को लेकर धरना चल रहा थ। तो जब रोड़ जाम के प्रदर्शन के विडियो ओर चित्र बाहर निकलकर लोगों तक पहुंचे, तो राजनीति गरमाने लगी और एक के बाद एक कांग्रेस पदाधिकारियों के इस्तीफे आने शुरू हुए। युवक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आनन्द मांडिया, युवक कांग्रेस अध्यक्ष किशन तंवर, सेवादल के प्रदेश सचिव आयूष बागरेचा, अनुज पारीक, ओबीसी कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष बजरंग सेन ने अपने पदों से इस्तीफे दिये। दूसरी ओर पार्षद इकबाल खान कायमखानी, पार्षद विजय बटेसर, पार्षद बिलाल भूरान, पार्षद आसिफ नसवाण, पार्षद ईकबाल खान गाजी, पार्षद फरजाना बानो, पार्षद सिराज खान कायमखानी आदि ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफे दिये। सामाजिक कार्यकर्ता धनराज आर्य ने कहा कि सुजानगढ़ के साथ काफी बड़ा घात हुआ है। यह बर्दाश्त करने योग्य नहीं है और जनता राज्य सरकार को सबक सिखायेगी। अब देखने वाली बात ये होगी कि सरकार और क्षेत्रीय विधायक इस जन आक्रोश से कैसे निपटते हैं।