80 हजार घरेलू व कृषि कनेक्शनों पर बिजली के 5000 से अधिक बिजली जर्जर पोल, हल्की की आंधी आ जाती है तो बिजली सप्लाई हो जाती है गुल, कई हादसे हो चुके इसके बाद भी विभाग नहीं देता है ध्यान, रातूसर गांव में तो प्रति कनेक्शन 20 रूपए देकर 10 हजार रूपए का रख रखा है प्राईवेट कर्मचारी

80 हजार घरेलू व कृषि कनेक्शनों पर बिजली के 5000 से अधिक बिजली जर्जर पोल, हल्की की आंधी आ जाती है तो बिजली सप्लाई हो जाती है गुल, कई हादसे हो चुके इसके बाद भी विभाग नहीं देता है ध्यान, रातूसर गांव में तो प्रति कनेक्शन 20 रूपए देकर 10 हजार रूपए का रख रखा है प्राईवेट कर्मचारी

सरदारशहर। उपखंड क्षेत्र में 80 हजार घरेलू व 10 हजार कृषि कनेक्शनों की सप्लाई इन दिनों में पूरी तरह से खराब हो चुकी है। अगर हल्की सी आंधी आ जाए तो अधिकतर गांवों की बिजली सप्लाई गुल हो जाने से ग्रामीण क्षेत्र में भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। झूलते तारों व जर्जर पोलो को सही करवाने की मांग को लेकर गांव-गांव ढाणी-ढाणी में ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए संबधित जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन दे चुके है। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। गांव पिचकराई ताल के योगाचार्य शिवभगवान भाकर ने बताया कि भानीपुरा एईएन, भादासर एईएन, सरदारशहर ग्रामीण एईएन, सरदारशहर शहरी एईएन कार्यालय में क्षेत्र में झूलते तारो व जर्जर बिजली पोलों की चपेट में आने से क्षेत्र में पिछले 2 वर्षो में 40 से अधिक मौत हो चुकी है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में 40 जीएसएस स्थापित है। एक्सईएन चिमन ऐरी ने बताया कि प्रत्येक कार्यालय से हमने रिपोर्ट मांगकर हमारे द्वारा उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारी क्षेत्र में बिजली का सुधार करने के लिए दिन-रात लगे हुए है। जल्द सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है।

हल्की की आंधी में हो जाती है बिजली फाल्ट

क्षेत्र में हल्की सी आंधी आ जाए तो बिजली सप्लाई फाल्ट हो जाती है। कर्मचारी कम होने के कारण एक साथ सभी जगह सेवा नहीं देने के कारण कई गांवों में तो पांच-पांच दिनों तक बिजली सप्लाई चालू नहीं होती है। जिसके के कारण लोगों को विरोध प्रदर्शन भी कई बार करना मजबूरी हो चुकी है।

रातुसर गांव के ग्रामीण विभाग से परेशान होकर गांव में रख लिया प्राईवेट कर्मचारी प्रति महिने 10 हजार रूपए देते है

सरदारशहर उपखंड क्षेत्र के गांव रातुसर से कालवासिया जाने वाली मुख्य लाईन से परेशान होकर ग्रामीणों ने गांव के स्तर पर एक प्राईवेट कर्मचारी रख लिया है। गांव के हरलाल पूनियां ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा बिजली विभाग के अधिकारियों को बार-बार फोन पर सूचना देने के बाद भी कोई भी अधिकारी व कर्मचारी तक नहीं आते है। जिसके कारण चार-पांच दिनों तक बिजली सप्लाई गुल रहती है। बिजली विभाग से परेशान होकर ग्रामीणों को अपने स्तर पर प्राईवेट कर्मचारी रख लिया है। उन्होनें बताया कि 625 घरेलू कनेक्शनों से प्रति महीने 20 रूपए प्रति कनेक्शन से एकत्रित करके प्राईवेट कर्मचारी हेतराम झोरड़ को रखा है। जिसे हर महीने 10 हजार रुपए दिए जाते हैं। बाकी बिजली लाइन पर जो खर्चा होता है वह भी गांव ही उठाता है। गांव के मनीराम स्वामी ने बताया कि बिजली विभाग की लापरवाही से तंग होकर ग्रामीणों ने अपने स्तर पर प्राइवेट कर्मचारी रखने का निर्णय लिया। इसके बाद कुछ राहत मिल रही है। गांव के मनीराम पूनियां ने बताया कि 25 साल पुरानी बिजली की लाइन को चेंज करवाने के लिए कई बार बिजली के उच्चाधिकारियों व उर्जा मंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब जरूरत पड़ी तो ग्रामीणों के द्वारा आंदोलन किया जाएगा। गौरतलब है कि बिजली जर्जर लाईन के कारण 5-6 दिनों तक बिजली सप्लाई बंद रहती है।