योग, खेल और अनुभव आधारित गतिविधियों पर शारीरिक साक्षरता प्रशिक्षण का समापन
चूरूः जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में शारीरिक शिक्षकों के लिए चल रहे तीन दिवसीय शारीरिक साक्षरता प्रशिक्षण का समापन बुधवार को हुआ। इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश प्रजापत ने कहा कि शारीरिक साक्षरता बच्चों के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है। ये प्रशिक्षण जीवन कौशल, आत्मविश्वास और स्वस्थ जीवनशैली का प्रभावी माध्यम है। कार्यानुभव प्रभागाध्यक्ष उमा सारस्वत ने कहा कि यह प्रशिक्षण पूर्ण रूप से व्यवहारिक और अनुभवात्मक रहा। बिना संसाधनों के पारंपरिक खेलों और गतिविधि आधारित विधियों के माध्यम से शिक्षकों को यह दिखाया गया कि सीमित साधनों में भी शारीरिक साक्षरता को प्रभावी रूप से विकसित किया जा सकता है। उप प्राचार्य नरेंद्र उपाध्याय ने कहा कि योग, खेल और गतिविधि आधारित शिक्षण को नियमित रूप से अपनाने से बच्चों में अनुशासन, सकारात्मक सोच और सामाजिक व्यवहार विकसित होता है। शारीरिक साक्षरता बच्चों को सक्रिय, स्वस्थ और संतुलित नागरिक बनने की दिशा तैयार करती है। प्रशिक्षण के मुख्य वक्ता एसआरजी प्राचार्य सुनील शर्मा ने कहा कि शारीरिक साक्षरता बच्चों को केवल खेलने की क्षमता ही नहीं, बल्कि निर्णय क्षमता, आत्म नियंत्रण और जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करती है। प्रशिक्षण में रोजाना प्रातः काल योग सत्र आयोजित किया गया। इसके साथ ही बिना संसाधनों के खेल, पारंपरिक खेलों का अभ्यास, समूह चर्चा, इंटरएक्टिव गतिविधियां और व्यवहारिक प्रयोग विधि के माध्यम से सत्रों का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का संचालन दशरथ कुमार नैन व आनंद कुमार पुनिया ने किया।
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