जिला बचाने के लिए वकीलों का आंदोलन, न्यायिक कार्य का बहिष्कार

शाहपुरा: शाहपुरा जिले को बचाने के लिए वकीलों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। गुरुवार को शाहपुरा अभिभाषक संस्था की बैठक में सर्वसम्मति से आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया गया। संस्था ने 3 और 4 जनवरी को न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
अभिभाषक संस्था के अध्यक्ष दुर्गालाल राजोरा ने कहा, "जिला हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान है। इसे खत्म करना नागरिकों के अधिकारों का हनन और विकास में बाधा है।" प्रवक्ता दीपक पारीक ने सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि शाहपुरा जिले को खत्म करना अस्वीकार्य है।
संस्था ने इस आंदोलन को जनचेतना अभियान का रूप देने का निर्णय लिया है। व्यापार मंडल, किसान संगठन और छात्र संघ सहित अन्य संगठनों का समर्थन जुटाने की तैयारी की जा रही है। उच्च न्यायालय में रिट दायर करने के लिए दस्तावेज भी तैयार किए जा रहे हैं।
बैठक का संचालन तेजप्रकाश पाठक ने किया। वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिलोकचंद नौलखा और अन्य ने भी जिले को संरक्षित रखने की मांग की। संस्था ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती, तो यह आंदोलन उग्र रूप ले लेगा।