भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर संकट के साए: 16 जुलाई को यमन में दी जानी है सजा, 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर संकट के साए: 16 जुलाई को यमन में दी जानी है सजा, 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

नई दिल्ली | यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की किस्मत अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है। 16 जुलाई को यमन की राजधानी में उसे फांसी दी जानी है, लेकिन उससे पहले 14 जुलाई को भारत का सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा और केंद्र सरकार को मामले में हस्तक्षेप करने का निर्देश दे सकता है।

केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को यमन की अदालत ने एक व्यक्ति की हत्या के मामले में दोषी ठहराया है। उसने कथित तौर पर यमन के एक नागरिक की हत्या कर दी थी, जो उस पर अत्याचार करता था। प्रिया का दावा है कि उसने खुद की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया।

इस मामले को लेकर भारत में सोशल मीडिया से लेकर कानूनी मंचों तक चर्चा तेज है। परिजनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सरकार से अपील की है कि वह यमन सरकार से बात कर दया याचिका दायर करे या पीड़ित परिवार से क्षतिपूर्ति (blood money) के जरिए समझौता कर फांसी रुकवाए।

अब निगाहें 14 जुलाई की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां से केंद्र सरकार को इस मामले में ठोस कदम उठाने के निर्देश मिल सकते हैं।