क्या आप सच में सुनते हैं या बस जवाब देने का इंतजार करते हैं? जानिए ‘अच्छा लिसनर’ बनने की 5 स्टेप्स और 4 खासियतें

‘सुनना’ एक आम शब्द है, लेकिन ध्यान से सुनना एक कला है — और यह आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों को गहराई से प्रभावित कर सकती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी बताती है कि जो लोग एक्टिव लिसनर होते हैं, वे रिश्तों में भी सफल होते हैं और करियर में भी।
आज के ‘गुड हैबिट्स’ कॉलम में हम जानेंगे कि एक **अच्छे लिसनर** की 4 खासियतें क्या होती हैं, और 5 आसान स्टेप्स में कैसे आप भी यह आदत अपना सकते हैं।
सुनने के 3 स्तर
1. जवाब देने के लिए सुनना – यह सबसे सतही स्तर है, जहां व्यक्ति खुद बोलने की जल्दी में होता है।
2. सहानुभूति दिखाने के लिए सुनना – इसमें आंशिक ध्यान होता है, लेकिन भावनाओं को नहीं समझा जाता।
3. पूरी समझ के साथ सुनना – यही सबसे असरदार तरीका है, जिसमें व्यक्ति सामने वाले की बात और भावनाओं को गहराई से समझता है।
एक अच्छा लिसनर होने की 4 खूबियां
1. बीच में टोकता नहीं है
2. आंखों से कॉन्टेक्ट बनाए रखता है
3. जवाब देने की हड़बड़ी नहीं करता
4. सामने वाले की भावनाओं को समझने की कोशिश करता है
5 स्टेप्स में सीखें बेहतर सुनना
1. बात करते समय मोबाइल दूर रखें
2. सामने वाले की पूरी बात खत्म होने दें
3. केवल शब्द नहीं, भावनाएं भी सुनें
4. बात में रुचि दिखाएं, सवाल पूछें
5. प्रतिक्रिया देते समय सम्मान और समझ बनाए रखें
रिसर्च बताती है कि जब कोई व्यक्ति ध्यान से सुना जाता है, तो उसका तनाव कम होता है और वह ज्यादा सम्मानित महसूस करता है। चाहे आप दोस्त हों, पैरेंट्स हों, लीडर या टीम मेंबर — **अच्छी सुनने की आदत** हर भूमिका में सफलता की कुंजी है।