कभी बच्चे स्कूल आने से कतराते थे, अब बना शानदार स्कूल

Mar 16, 2023 - 16:25
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कभी बच्चे स्कूल आने से कतराते थे, अब बना शानदार स्कूल

-रावण देहरा स्कूल के बदले रूप को देखकर बच्चे खुश

अलवर। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रावण देहरा स्कूल जो वर्षों से उपेक्षित था जीर्ण शीर्ण शौचालय और बरसात में कक्षाओं में टपकते पानी से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती थी।  स्कूल के बाहर सड़क पर लगे हेण्ड पंप से बच्चे पानी पीने को मजबूर थे जहां वाहनों की आवाजाही से दुर्घटना का खतरा था लेकिन अब स्कूल में हुए बदलाब से बच्चे खुश हैं।
यह बदलाब डॉ गोपाल राय चौधरी चेरिटेबल ट्रस्ट अलवर ने थ्री डी कन्स्ट्रकशन के सहयोग से किया है। अलवर शहर का यह विद्यालय प्रतापबांध से 2 किमी की दूरी पर हाजीपुर जाने वाली सडक़ पर स्थित है। इस स्कूल की स्थापना 1982 में प्राथमिक विद्यालय के रूप में हुई तो जन सहयोग से विद्यालय के कमरों का निर्माण हुआ और 2001 में विद्यालय को उप्रावि के रूप में क्रमोन्नत किया गया 7 विद्यालय के संस्था प्रधान संजय सिंह ने बताया कि 2018 में कुल नामांकन मात्र 11 का था जो बढक़र 47 हो गया है अगले सत्र में पड़ोस की ढानी से भी बच्चों का प्रवेश कराएंगे।
विद्यालय में ट्रस्ट की ओर से जो कार्य कराया है उससे बच्चे और ग्रामीण खुश है उनको अब यह विद्यालय निजी स्कूल सा लगता है। कुछ माह पूर्व मुख्य बलॉक शिक्षा अधिकारी मधु भार्गव और इंजीनियर राजेश लवानिया ने ट्रस्ट से सी एस आर के तहत विद्यालय में सहयोग के लिए आग्रह किया तो ट्रस्ट ने सभी कक्षों की छत की मरम्मत कराई जीर्ण शीर्ण शौचालयों का रिनोवेशन कराया पेयजल व्यवस्था परिसर के अंदर ही कराई भवन में जर्जर प्लास्टर कार्य किया एवं पेंट कराया।
अब विद्यालय बाहर से देखने पर निजी विद्यालय से भी बेहतर तरह दिखता है समाज सेवी एमपीएस चंद्रावत और ग्रामीणों ने डॉ गोपाल राय चौधरी चेरिटेबल ट्रस्ट की ट्रस्टी मंजू चौधरी अग्रवाल का आभार जताया है। इस बारे में सर्व शिक्षा अभियान के अतिरिकत जिला परियोजना समन्वयक मनोज शर्मा कहते हैं कि अलवर में सरकारी स्कूलों को जन सहयोग से सुविधाएं उपलबध कराने का काम पूरे प्रदेश में अव्वल है जिसमें इंजीनियर राजेश लवानिया का योगदान है। यहां इससे नामांकन में बढ़ोतरी हुई है।

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