कुम्हार (प्रजापति) समाज अलवर के महाकुंभ में कल होगा चिंतन-मनन व निर्णय-प्रजापति - सरकारी योजना का लाभ दिलाने के लिए करेंगे सरकार से मांग

अलवर। कुम्हार (प्रजापति) समाज अलवर का महाकुंभ 27 अगस्त रविवार को शहर के कम्पनीबाग में आयोजित होगा। जिसमें समाज के लिए चिंतन-मनन कर निर्णय लिए जाएंगे। यह बात समाज के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को शहर के एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।
समाज संगठन के मुख्य संरक्षक बाबूलाल प्रजापति ने बताया कि कम्पनीबाग में रविवार को होने वाले महाकुंभ में जहां वे अपने समाज के लिए आवाज उठाएंगे ओर चिंतन-मनन कर समाज करते हुए किसी ठोस निर्णय करते हुए आगे बढेंगे। उन्होंने मीडिया के माध्यम से समाज को अवगत कराया कि रविवार को आयोजित कुम्हार (प्रजापति) समाज अलवर का महाकुंभ में समाज को जगाना है, क्योकि अभी समाज बहुत पीछे हैं। उनका आरोप है कि सरकार ने भी कुम्हार प्रजापति समाज के साथ भेदभाव किया हुआ है। जहां सरकार को भी इस महाकुम्भ के माध्यम से अवगत कराना है कि समाज को हलके में ना ले। समाज का इस महाकुंभ का उदेश्य है कि स्त्री शिक्षा को बढ़ावा दिलाना, समाज की वर्तमान पर पराओं, कुरीतियों व नवाचारों पर विचार व मंथन ककरना महिला उत्थान व शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार लाना, समाज का सामाजिक सर्वे कराकर पुस्तिका के रूप में प्रकाशन करना है।
इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक राजीव प्रजापति ने बताया कि वे इस महाकुंभ के माध्यम से सरकार के समक्ष अपनी मांगे रखेंगे ओर उसे पूरा कराने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। उनकी मांग है कि अलवर में मटका मंडी के लिए स्थान मिले, एमआईए में मिटटी से बनने वाले बर्तन, खिलौने, आदि के लिए लघु उद्योगों केे लिए स्थान मिले। वहीं उन्हें प्रदूषण फैलाने के नाम पर परेशान करना बन्द करें, संभाग स्तर पर दक्ष महाराज के नाम किसी चौराहे को नाम मिले। वहीं कुम्हार (प्रजापति) समाज अलवर का महाकुंभ में समाज के लिए भाजपा से विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग भी उठाई जाएगी। वहीं कुम्हार समाज को सरकारी योजना का भी लाभ दिलाने के लिए आवाज उठाई जाएगी।
इस मौके पर मुख्य संरक्षक बाबूलाल प्रजापति, कार्यक्रम संयोजक राजीव प्रजापति, प्रभूलाल प्रजापति, लक्ष्मण प्रसाद, रामनिवास, प्रकाश चन्द, बलवीर, नवल किशोर, रामनिवास, दीपक, हंसराज, बुद्धालाल, सतीश, ओमप्रकाश, देवेन्द्र व रामगढ़ पंचायत समिति सदस्य छोटू प्रजापति आदि मौजूद रहे।