हराचारा बुआई परिसर की दिवार व गेट तोड़ने का विरोध, गौशाला समिति पदाधिकारियों ने सभी आरोप बताएं बेबुनियाद

सरदारशहर। शहर के गौशाला समिति द्वारा पिछले 1 माह पहले कृषि मंडी के पूर्व व दक्षिण की तरफ लगभग 80 बीघा भूमि को 4 लाख रुपये खर्च कर उसमें हराचारा (बाजरी) की बुआई करवाई थी। बुआई की सुरक्षा हेतु गेट को कच्ची दीवार से बंद करवाया गया था। जिससे इसकी सुरक्षा हो सके और हराचारा उत्पादन हो सके। गोशाला समिति के अध्यक्ष गिरधारी लाल पारीक व मंत्री पवन कुमार पोद्दार ने बताया कि समिति की योजना के अनुसार इससे होने वाले हराचारा का उपयोग शहर में घूमने वाले बेसहारा गोवंश के लिए किया जाएगा। समिति ने यह पहला प्रयास किया था। यह प्रयास सफल होने पर भविष्य में और अधिक भूमि पर हराचारा लगाने का कार्य करने की योजना थी। परंतु कुछ सिरफिरे लोगों को यह रास नहीं आया। उन्होंने समिति से संपर्क ही नहीं किया अगर संपर्क करते तो समिति गेट खुलवा देती। बिना समिति के संज्ञान में लाए सोशल मीडिया पर प्रचार करके भीड़ इकट्ठी कर 29 जुन को रास्ता जाम कर दिया। फिर 30 जून उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर गेट खुलवाने का निवेदन किया गया। उपखंड अधिकारी ने समिति से बात करने का आश्वासन दिया था। लेकिन उन्होंने तो 1 दिन का इंतजार किये बिना वापिस 30 जून को रात को रास्ता जामकर समिति के गेट व दिवार को तोड़ कर कानून हाथ ले लिया था।
समिति के अनुसार विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोप बिल्कुल निराधार है। इस बेशकीमती जमीन पर भूमाफिया की नजर है। इसलिए इस पर हरा चारा की बुवाई करवाई गई है। आरोप लगाया गया है कि चारों गेट बंद है जबकि हकीकत यह है कि सिर्फ दो गेट हरा चारा की सुरक्षा हेतु बंद किए गए हैं। इसके अलावा दो गेट खुले हैं। वहीं से गोवंश अपने आप अंदर आता है और चराई करके वापस चला जाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया गया है कि वहां पर चार-पांच गोवंश की मौत हो चुकी है। यह एकदम सरासर झूठ है एक भी गोवंश की मृत्यु नहीं हुई है। इस मौके पर समिति के ट्रस्टी जगदीश प्रसाद जैसनसरिया, सुशील कुमार जैसनसरिया, बाबूलाल सुथार, देवकी अग्रवाल, शंकरलाल प्रेमानी, सौरभ जैसनसरिया गौशाला के चौकीदार मांगीलाल आदि उपस्थित थे।