सुजानगढ़ (नि.सं.)। नाथोतालाब स्थित राजकीय फतेहपुरिया मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्र के जीर्णोद्धार कार्य में अनियमितता की शिकायत पर एसीएस ने दिए जांच के आदेश दे दिये हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह ने राजकीय फतेहपुरिया मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र, सुजानगढ़ के जीर्णोद्धार में बरती गई अनियमितता, गुणवत्ता में कमी, निर्माण कार्य व टेन्डर प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर इसे गंभीरता से लिया और मामले की तत्काल जांच कर 7 दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। पीआर ओ चूरू की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि आदेशानुसार, निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितता की जांच एवं कार्यवाही के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव को यह प्रकरण भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान प्राइवेट मेडिकल का बैनर लगवाने सहित अन्य मामलों की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में बीकानेर जोन के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक, लेखाधिकारी, उप निदेशक एवं चूरू जिले के सीएमएचओ को शामिल किया गया है। यह कमेटी मामले की जांच कर 7 दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। हालांकि देखने वाली बात ये है कि इस मामले में धरना प्रस्तावित किया गया था। लेकिन किस दबाव में धरना नहीं दिया गया, यह आम जन के लिए सोचने वाली बात है।
सवाल ये है कि शिकायतकर्ता द्वारा जो सबूत और दस्तावेज तहसीलदार के समक्ष पेश किए गए थे, क्या जयपुर से आने वाली जांच कमेटी के समक्ष उतनी ही मजबूती से रखे जायेंगे? क्योंकि अब राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं होने लगी हैं कि इस मामले में राजनीतिक दबाव अपने उफान पर हैं और दोनों पार्टियों के कुछ नेता एक्टिव हो गए हैं, जो मामले को आया गया करने के लिए अपनी जोर आजमाईश करने में व्यस्त हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोग राजनीतिक दबाव में आते हैं या सच के लिए लड़ाई लड़ेंगे ये अपने आप में काफी बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया है।
बिजली चोरी की जांच के लिए सहायक अभियंता को भेजा प्रकरण
इस मामले में भाजपा युवा मोर्चा की ओर से अध्यक्ष अमित मौसूण के नेतृत्व में एक ज्ञापन विद्युत निगम के एक्सईएन को दिया गया था। एक्स ई एन धीराचंद शिवराण ने बताया कि मैंने यह मामला जांच के लिए सहायक अभियंता को भेज दिया है। दूसरी ओर मामले की जांच कर रहे सहायक अभियंता विश्वम्भर पुरोहित ने बताया कि मैंने इस मामले में बगड़िया अस्पताल के पीएमओ से जानकारी चाही थी, जिस पर उन्होंने जवाब दिया है कि अस्पताल परिसर में कार्यक्रम नहीं हुआ। जिसके बाद फिर से अब तहसीलदार महोदय को पत्र लिखकर जानकारी चाही गई है कि बाहर जो टेंट लगाकर कार्यक्रम हुआ, वो किसका था।
अब प्रशासन चाहे जिस प्रकार की गलियां या रास्ते निकाले, जो कार्यक्रम सैंकड़ों लोगों की मौजूदगी में हुआ था और सरेआम विद्युत चोरी होने के विडियो वायरल हो गए। वह टेंट या कार्यक्रम किसका था, ये पता प्रशासन को चलने में इतनी देरी लग रही है, जो काफी आश्चर्य की बात है। क्योंकि कार्यक्रम वाले दिन जब निजी मेडिकल स्टोर के बैनर की बात उठी थी, तो एक नेता ने फोन करके पत्रकारों को बताया कि टेंट मैंने लगवाया था, लेकिन ये सारी बातें जो आम हैं, वो प्रशासन को देखने में काफी वक्त लगेगा।