जर्जर हालात में हुआ कालूसर का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, छात्र-छात्राएं खुले में बैठकर अध्ययन करने को मजबूर

सरदारशहर। तहसील के ग्राम कालूसर में एक राजकीय विद्यालय ऐसा भी है जहां सर्दी हो या गर्मी छात्र छात्राएं खुले में बैठकर अध्ययन करने को मजबूर हैं। विद्यालय की स्थापना 1971 में प्राथमिक विद्यालय से हुई थी और विधालय 28 फरवरी 2004 में क्रमोन्नत हुआ था। विद्यालय में 288 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। विद्यालय में मात्र 10 कमरे हैं। जिनमें से चार कमरें जर्जर होकर गिरने की कगार पर है। शिक्षा विभाग ने भी बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए इन कमरों को अनउपयोगी मान रखा है। 26 जून 2021 में फिर विद्यालय को क्रमोन्नत कर माध्यमिक बना दिया। लेकिन बच्चों के बैठने के लिए कमरे नहीं बनाए जा सके है। 6 कमरों में एक कमरा विद्यालय ऑफिस और एक कमरा आंगनबाड़ी के लिए है। शेष चार कमरों में कक्षा 1 से 10 वीं तक के छात्र-छात्राओं की कक्षाएं संभव नहीं है। जिस कारण छात्र छात्राएं बाहर खुले में पढ़ने को मजबूर हैं। विद्यालय को 23 मार्च 2022 में फिर क्रमोन्नत कर राजकीय उच्च माध्यमिक बना दिया है। लेकिन अब तक विद्यालय में ना तो सीनियर शिक्षकों की नियुक्ति हुई और ना ही विद्यार्थियों के लिए कमरों का विस्तार किया गया है। इसके साथ ही विद्यालय में शौचालय भी नहीं बना है। जिससे छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। करीब 20 दिन पहले विद्यालय में पदभार ग्रहण करने वाले प्रधानाचार्य धर्मेंद्र कुरील ने बताया कि विद्यालय की स्थिति को देखते हुए ग्राम के प्रबुद्ध जनों को बुलाकर एक मीटिंग की है। जिसमें विद्यालय के विकास पर चर्चा कर संबंधित विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है।