नगरपरिषद की साधारण सभा में उलझे पार्षद, हंगामे के बीच बजट भी पारित

सुजानगढ़ (नि.सं.)। सुजानगढ नगर परिषद की साधारण सभा का आयोजन मास्टर भंवरलाल मेघवाल सभागार में सभापति निलोफर गौरी की अध्यक्षता में किया गया। बैठक के शुरुआत में ही वार्ड न. 32 की पार्षद शांतिदेवी महिलाओं को साथ लेकर आई और कहा कि डंपिंग यार्ड काफी छोटा है, लेकिन कचरा मनमर्जी से इधर उधर डालकर उसे 12 बीघा तक फैला दिया गया है। जबकि आस-पास के घरों में रहने वाले लोगों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है और लोग यहां खाना भी नहीं खा सकते।
पूर्व पार्षद राकेश प्रजापत ने कहा कि समस्या का समाधान किया जावे। शांतिदेवी ने गेट पर ही बैठने का प्रयास किया। इस पर राकेश प्रजापत ने कहा कि डंपिंग यार्ड के आस-पास इतनी मक्खियां हैं, लोग खाना तक नहीं खा पाते। इसलिए डंपिंग यार्ड को सीमित जगह में किया जावे। जिस पर आयुक्त कमलेश कुमार मीणा ने कहा कि मीटिंग के बाद बात कर लेंगे, आप लोगों को लेकर सभा स्थल से बाहर जाईये, वरना मुकदमा होगा।
इसी दौरान पार्षद शांति देवी प्रजापत, पूर्व उपसभापति बाबूलाल कुलदीप, पार्षद पुष्पा कुलदीप आदि मंच के सामने आकर बैठ गए और सांकेतिक धरना दे दिया। उसके बाद सभापति निलोफर गोरी ने मीटिंग के एजेंडे की शुरुआत करते हुए गांधी चैक में पीपी मोड से मार्केट बनाने के मुद्दे पर चर्चा आमंत्रित की। तो भाजपा पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए विपक्ष की बात नहीं सुनने के आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इस दौरान पार्षद पार्षद गौरव इंदौरिया, हरिओम खोड़, सतापक्ष के पार्षद सलीम खान, हितेष जाखड़, विजय बटेसर आदि आपस में उलझ गए और करीब 2 मिनट के लिए धक्काबाजी चलती रही। भाजपा ने इस मुद्दे पर अपना विरोध जताया।
पार्षद शर्मिला सोनी ने गांधी चैक में पानी निकासी की स्थायी व्यवस्था करने की मांग की। जिस पर सभापति निलोफर गौरी ने कहा कि ड्रेनेज के जरिए समस्या का समाधान हो जाएगा और मुख्यमंत्री ने इस बजट में यह सौगात सुजानगढ़ को दी है। डिवाईडर लाईट लगाये जाने के मुद्दे पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष जय श्री दाधीच ने कहा कि अशोक स्तंभ से चुंगी नाके तक डिवाईडर है ही नहीं, तो लाईट कहां पर लगाओगे। इस मुद्दे को सतापक्ष के लोगों ने हाथ उठाकर अपनी सहमति दी। इसी प्रकार नोटिस ड्राॅप होने पर कर्मचारियों की पदोन्न्ति की बात आने पर पार्षद तनसुख प्रजापत ने कहा कि मुनालाल मीणा को नोटिस किस बात का मिला था, इसकी जानकारी सदन को दी जावे। इस पर आयुक्त ने कहा कि अवैध निर्माण के मामले में नोटिस मिला था, जो विड्रा कर लिया गया है। अतः यह मुद्दा अनुमोदन के लिए रखा गया है।
जिस पर विपक्ष के पार्षदों ने एक सुर में कहा कि पूरे शहर में अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहे हैं, पदोन्नति किस बात की। आप लोग अवैध निर्माणों पर कार्यवाही क्यों नहीं करते, जिस पर सभापति ने 15 दिनों में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए आयुक्त को कहा।
पार्षद तनसुख प्रजापत, पार्षद पंकज घासोलिया ने चालक प्रकाश का प्रमोशन करवाने की बात कही। जिस पर पार्षद सिराज खान कायमखानी ने इस बात का समर्थन किया। पार्षद तरुण सियोता ने बकाया अनुकंपा नियुक्तियां शीघ्र करने की मांग की। पार्षद निर्मला तोदी ने महिलाओं के लिए गांधी चैक में शौचालय बनाने की मांग की। जिस पर सभापति ने बताया कि टेंडर हो चुके हैं।
एंपावर कमेटी के निर्णयों के अनुमोदन विषय पर चचा के दौरान तनसुख प्रजापत ने कहा कि एंपावर कमेटी को सारे पावर हैं, इसलिए हमें उनके निर्णयों का अनुमोदन करने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। एसटीपी से खेतों की ओर पानी देने के मुद्दे पर चर्चा के दौरान आरएलपी नेता व पार्षद बाबूलाल कुलदीप ने कहा कि मार्च 2021 तक एसटीपी चालू होने वाले थे, इस देरी के लिए क्या पेनल्टी लगाई गई। जिस पर आयुक्त कमलेश कुमार मीणा ने बताया कि 36 लाख रूपये पेनल्टी निर्माणकर्ता एजेंसी पर लगाई गई है और समय बढ़ाकर अप्रेल 2023 किया गया है। वहीं साधारण सभा समाप्त होते ही पार्षद ईकबाल खान कायमखानी, भाजपा नेता कमल दाधीच के बीच विवाद हुआ। इस दौरान विजय चैहान, उप नेता प्रतिपक्ष रिछपाल बिजारणिया सहित अनेक लोगों की सतापक्ष के पार्षदों के साथ कहासुनी हुई। पार्षद मनोज पारीक ने सभापति के आसन पर आकर काला कपड़ा भी लहराया। बैठक के दौरान पार्षद मोहम्म्द ईदरीश गौरी, एडवोकेट सलीम खान गाजी, मोहम्मद जुल्कर, पार्षद प्रदेश सियोता, मुकुल मिश्रा, मधु बागरेचा, आसिफ अली चैहान, आसिफ खान नसवाण, पार्षद हितेश जाखड़, निर्मला तोदी, उषा बगड़ा, पार्षद शारदा मंडावरिया सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
बजट बैठक से पहले फिर हंगामा-
साधारण सभा के बाद आयोजित लंच के बाद बजट बैठक होनी थी। लेकिन इसी विपक्ष के लोगों के कहने पर गाड़िया लुहार व अन्य फरियादी सभागार में जाकर बैठ गए। जिस पर आयुक्त ने उनको सभागार से बाहर जाने के लिए कहा, तो पूर्व पार्षद राकेश प्रजापत व अन्य लोग आयुक्त के सामने एकत्रित हो गए और समस्याओं के समाधान की मांग करने लगे। जिस पर आयुक्त ने कहा बैठक के बाद सभी समस्याएं सुनी जायेंगी। इसके बाद भी नहीं मानने पर आयुक्त ने राकेश प्रजापत से कहा कि एफआईआर करवाई जायेगी। इस बात को लेकर भी काफी देर तक तकरार हुई और पुलिस की सहायता से सदन खाली करवाकर बजट बैठक शुरू कर दी गई।
लेखाकार को रोका बजट पढ़ने से -
दूसरी ओर सभापति की अनुमति से बजट पढ़ रहे सहायक लेखाकार भंवरलाल मेहरड़ा जब बजट पढ़ रहे थे। तभी चुंगी आय पर चर्चा की बात करते हुए तनसुख प्रजापत ने कहा कि यह हर साल 10 प्रतिशत बढ़ती नहीं है क्या, आप जवाब दीजिये। इसके बावजूद भी बजट पढ़ रहे सहायक लेखाकर भंवरलाल मेहरड़ा नहीं रूके। कुछ देर बाद उप नेता प्रतिपक्ष खड़े हुए और माईक हाथ में लेकर हरीकीर्तन करने लगे। इसके बाद भी बजट पढ़ना जारी रहा। तो नेता प्रतिपक्ष जय श्री दाधीच, पार्षद हरीओम खोड़, पंकज घासोलिया, मनोज पारीक आदि मंच के पास आ गए और कहने लगे हम बजट सुनने नहीं, चर्चा करने आये हैं। दूसरी ओर उप नेता प्रतिपक्ष रिछपाल बिजारणिया ने सहायक लेखाकार से बजट की कोपी ही ले ली और बजट पढ़ने से रोक दिया। लेकिन इसके बाद दूसरी कोपी से मेहरड़ा बजट पढ़ने लगे। फिर सतापक्ष के पार्षदों ने बजट हाथ उठाकर पारित कर दिया। करीब 10-15 मिनट में ही मीटिंग समाप्त कर दी गई।
हस्ताक्षर करवाना भूले, विपक्ष ने दिया ज्ञापन-
वहीं साधारण सभा की बैठक में सभी पार्षदों से मौजूदगी के हस्ताक्षर करवाये गये। लेकिन दोपहर बाद अलग से आयोजित बजट बैठक में हस्ताक्षर करवाना भूल गए। जिससे विवादों के साथ बजट पारित होते ही सभापति व अन्य लोग सदन से चले गए और विपक्ष के पार्षदों ने रजिस्टर से फोटो खींचे और कहा कि इस बजट बैठक के रजिस्टर कार्यवाही में एक भी पार्षद के हस्ताक्षर नहीं हैं। जिसके बाद कुछ पार्षदों के हस्ताक्षर करवाये भी गए। सभापति ने बताया कि कुल 243.84 करोड़ का बजट शहर के विकास कार्यो के लिए पारित किया गया है।
एडीएम के पास पहुंचा विपक्ष -
बैठक के बाद एडीएम भागीरथ चैधरी को नेता प्रतिपक्ष जय श्री दाधीच के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया और बताया गया कि बिना पार्षदों के हस्ताक्षर के ही बजट पारित माना गया है, जो गलत है। अतः दुबारा बजट बैठक आहूत कर बजट पारित किया जावे। इस अवसर पर पार्षद दीनदयाल पारीक, उप नेता प्रतिपक्ष रिछपाल बिजारणिया, पार्षद पूजा दाधीच, पार्षद तनसुख प्रजापत, गौरव इंदोरिया, मिनाक्षी स्वामी, गणेश मंडावरिया, पुरूषोतम शर्मा, प्रेम स्वामी, विजय चैहान, मनीष दाधीच आदि भी मौजूद रहे।