रात में अवैध रूप से डिवाईडर निर्माण का भाजपा नेताओं ने जताया विरोध
सुजानगढ़ (नि.सं.)। कहते हैं अनुचित लाभ की उम्मीद, नाजायज दबाव और अकर्मण्यता व्यक्ति को अपने कर्तव्यों से विमुख कर देते हैं या सही काम नहीं करने देते। कुछ ऐसे ही वाकये इन दिनों सुजानगढ़ में देखने को मिल रहे हैं। नगरपरिषद प्रशासन द्वारा हाल ही में बीओटी स्कीम के तहत पुराने बस स्टेंड से लेकर शास्त्री प्याउ तक यूनिपोल मय लाईट्स लगाने के के लिए आमंत्रित की गई थी, जिसके बाद टेंडर हुआ और काफी सारी शर्तों में रिलीफ दे दी गई, जिससे साफ जाहिर हुआ कि कहीं न कहीं कर्तव्य पालन में कोताही बरती गई।
लेकिन इसके बाद भी मामला थमा नहीं और जिस कार्य के लिए शास्त्री प्याउ तक निविदा आमंत्रित की गई थी, उसके आगे रामपुरिया कॉटेज तक यूनिपोल लगाने के लिए पिल्लर भरे गए और रात में डिवाईडकर निर्माण करने के लिए सड़क तोड़ी जा रही थी। शनिवार की रात को ये सब, जब हो रहा था, तो भाजपा पार्षद शर्मिला सोनी, उप नेता प्रतिपक्ष रिछपाल बिजारणिया सहित अनेक लोग पहुंचे और डिवाईडर निर्माण को अवैध बताते हुए इसका विरोध जताया। इस दौरान अनेक लोगों के बीच जिद बहस भी हुई।
भाजपा नेताओं ने काम बंद करवाया। भाजपा नेताओं ने कहा कि कुछ लोगों को नाजायज फायदा पहुंचाने के लिए संकरे रास्ते पर केवल यूनिपोल की संख्या बढ़ाने के लिए डिवाईडर बनाया जा रहा है, जबकि यहां पर डिवाईडर सरवाईव नहीं कर सकता। बस स्टेंड से लेकर शास्त्री प्याउ तक बीओटी स्कीम के तहत यूनिपोल लगाये गए हैं। लेकिन अब पोल की संख्या बढ़ाने के लिए वर्क ऑडर से बाहर जाकर डिवाईडर आगे बनाये जाने की कोशिश रात में की गई, जिस पर भाजपा नेताओं ने ये काम बंद करवा दिया और दूरभाष पर एसडीएम और आयुक्त से बात की, जिस पर समुचित आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। इस दौरान हैड कांस्टेबल दलीपसिंह भी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इस दौरान भाजपा नेता एडवोकेट मनीष दाधीच, विजय चौहान, पंकज घासोलिया, प्रकाश सोनी, पार्षद मनोज पारीक, रामनिवास बुगालिया, धर्मवीर चौधरी सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
आपको बता दें पहले से ही शहर में जितने कॉम्पलैक्स बाजारों में बने हुए हैं, उनमें से 90 प्रतिशत में पार्किंग का अभाव है, जिसके कारण सारे दिन संकरे बाजार में लोग परेशान होते रहते हैं। ऊपर से इस प्रकार के बिना परमिशन के निर्माण भी जनता के लिए भविष्य में परेशानियों खड़ी करेंगे। लेकिन देखने वाली बात ये है कि बिना पार्किंग वाले कॉम्पलैक्सों का न तो कोई अधिकारी मुआयना करता है और न ही कोई जनप्रतिनिधि। मौके पर जाकर कटलों के अंदर पार्किंग बनाने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जाता है। केवल नोटिस-नोटिस का खेल खेला जाकर इतिश्री की जाती है, जिसके चलते तय मानकर चलिये कि सुजानगढ़ की आने वाली पीढ़ियों के लिए यह समस्याएं काफी गंभीर हो जायेंगी। लेकिन बात वहीं आकर रूक जाती है कि अनुचित लाभ, नाजायज दबाव और अकर्मण्यता व्यक्ति को अपने कर्तव्यों से विमुख कर देते हैं या सही काम नहीं करने देते। तो क्या प्रशासन और नगरपरिषद रात में बिना परमिशन के सड़क तोड़ने वाले लोगों, निविदा से बाहर जाकर निर्माण की कोशिश करने वालों पर कोई कार्यवाही कर पायेगा या फिर नोटिस नोटिस का खेल खेलाकर जाकर जनहितों को खूंटी पर टंगाकर जनता को फिर से बेवकूफ बनायेगा। हालांकि बीओटी वाले मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष जय श्री दाधीच ने भी जल्द ही प्रेस वार्ता कर भ्रष्टाचार उजागर करने की बात कही है। ऐसे में देखना होगा कि वो कितनी गंभीरता के साथ इस मुद्दे को उठा पाती हैं। यह सब बातें भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल भाजपा पार्षद शर्मिला सोनी ने कहा कि लूट के खेल को बढ़ावा देने के लिए यहां पर किसी भी सूरत में डिवाईडर नहीं बनने दिये जायेंगे।