भारतीय किसान संघ ने सांसद राहुल कस्वां से जीएम बीजों पर प्रतिबंध की मांग की

सरदारशहर। भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल ने प्रांत मंत्री चंद सिद्ध के नेतृत्व में सांसद राहुल कस्वां से मुलाकात कर कपास और सरसों के बीटी बीजों से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया। प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष मुकेश रामपुरा, संभाग कार्यकारिणी सदस्य देवीलाल जोशी, रामविलास शर्मा, सरदारशहर तहसील अध्यक्ष परतनाथ सिद्ध, राजगढ़ तहसील अध्यक्ष अनिल भाकर, सिद्धमुख तहसील अध्यक्ष ईश्वर महला, प्रताप सिंह शेखावत, जिला कार्यकारिणी सदस्य भरतलाल बैरासर, और राजगढ़ तहसील कार्यकारिणी के सदस्य शामिल थे।
किसान संघ के सदस्यों ने बताया कि 2002 से विदेशी कंपनियों ने बीटी बीजों को बैक डोर से भारत में प्रवेश दिलाया है। इन बीजों में जीवों के जीन डाले गए हैं, जिससे देश में मांसाहारी तेल का सेवन बढ़ा है, जबकि मांसाहारी तेल पर प्रतिबंध है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएम बीजों का भारत में पर्यावरण पर प्रभाव का कोई परीक्षण नहीं किया गया है, जिससे देशी बीज विलुप्त हो रहे हैं और किसान विदेशी कंपनियों पर निर्भर होते जा रहे हैं।
किसान संघ ने बताया कि बीटी बीजों का परीक्षण असफल रहा है, फिर भी विदेशी कंपनियां नए प्रयोग कर रही हैं। इस मुद्दे पर किसान संगठनों ने न्यायालय की शरण ली, जिसके बाद उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने केंद्र सरकार को चार महीने में नीति बनाने का निर्देश दिया था। तीन महीने बीतने के बावजूद केंद्र सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है।
प्रतिनिधिमंडल ने सांसद राहुल कस्वां से आग्रह किया कि वे आगामी लोकसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाएं। किसान संघ की यह चर्चा सकारात्मक रही।