अनुवाद और लिप्यंतरण में योगदान के लिए देवी प्रसाद बागड़ोदिया सम्मानित

जयपुर टाइम्स
चूरू/मंडावा/जोधपुर। जोधपुर के कथा संस्थान द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय अलंकरण समारोह में प्रख्यात साहित्यकार, अनुवादक और लिप्यंतरणकर्ता देवी प्रसाद बागड़ोदिया को 'अगरचंद नाहटा लिप्यंतरण सम्मान 2023-24' प्रदान किया गया। यह कार्यक्रम मंडावा के होटल कास्टले में आयोजित हुआ।
कथा संस्थान के सचिव और वरिष्ठ साहित्यकार मीठेश निर्मोही, मुख्य अतिथि एडीपीआर चूरू के चर्चित लेखक कुमार अजय, और विशिष्ट अतिथि साहित्यकार मंशाह नायक ने बागड़ोदिया को शॉल, श्रीफल और सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया।
इस मौके पर मीठेश निर्मोही ने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में भाषा, साहित्य और संस्कृति के विकास में अनुवाद और लिप्यंतरण का महत्वपूर्ण योगदान है। बागड़ोदिया ने असम में रहते हुए भी हिंदी और असमिया के बीच साहित्यिक सेतु का कार्य किया है।
मुख्य अतिथि कुमार अजय ने बागड़ोदिया की साहित्य साधना को तपस्वी कार्य बताते हुए उनकी सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि साहित्य में अनुवाद और लिप्यंतरण जैसे जटिल कार्य को अंजाम देकर बागड़ोदिया ने समाज और संस्कृति के लिए अमूल्य योगदान दिया है।
साहित्यकार मंशाह नायक ने बागड़ोदिया के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने असमिया से हिंदी और हिंदी से असमिया में कई महत्वपूर्ण कृतियों का अनुवाद किया है। उनके कार्यों में ज्योति प्रसाद अग्रवाल, महापुरुष शंकर देव, माधव देव और मीराबाई की रचनाओं का अनुवाद शामिल है। उन्होंने चार भाषाओं की चार सौ लोकोक्तियों का संकलन भी किया है।
बागड़ोदिया को ‘ट्रांसलेटर ऑफ रिमार्केबल स्टैंडर्ड’ और अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। समारोह में दुर्गाप्रसाद बागड़ोदिया, प्रभुदयाल बागड़ोदिया, श्यामसुंदर मोदी सहित देशभर से आए कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।