अजमेर दरगाह में शिव मंदिर याचिका पर सियासी जंग

अजमेर दरगाह में शिव मंदिर याचिका पर सियासी जंग


जयपुर टाइम्स 
जयपुर। अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे वाली कोर्ट में दायर याचिका के बाद प्रदेश से लेकर पूरे देश में सियासी विवाद छिड़ गया है। राजस्थान के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर सहित कई बीजेपी नेताओं ने मुगल काल में हिंदू मंदिर तोड़ने का दावा करते हुए याचिका का समर्थन किया है। शिक्षा मंत्री मदन मदन दिलावर ने तो खुदाई करवाकर अवशेष मिलने से फैसला होने तक की बात कह दी है।
उधर, कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे खतरनाक ट्रेंड बताते हुए इसे विभाजनकारी एजेंडे का हिस्सा करार दिया है। दरगाह मुद्दे पर राजस्थान के अलावा राष्ट्रीय नेताओं ने भी तल्ख कमेंट किए हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने दरगाह मामले को लेकर बीजेपी आरएसएस और पीएम मोदी पर सवाल उठाए हैं। काबिले गौर है कि 
अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है। अजमेर सिविल कोर्ट में लगाई गई याचिका को कोर्ट ने सुनने योग्य मानते हुए सुनवाई की अगली तारीख 20 दिसंबर तय की है। याचिका दायर करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने मुख्य रूप से 3 आधार बताए हैं। विष्णु गुप्ता ने कहा है कि 2 साल की रिसर्च और रिटायर्ड जज हरबिलास शारदा की किताब में दिए गए तथ्यों के आधार पर याचिका दायर की है। किताब में इसका जिक्र है कि यहां ब्राह्मण दंपती रहते थे और दरगाह स्थल पर बने महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना करते थे। इसके अलावा कई अन्य तथ्य हैं, जो साबित करते हैं कि दरगाह से पहले यहां शिव मंदिर रहा था। इधर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कोर्ट फैसला करेगा। यह तो सच है कि अधिकांश मंदिरों को तोड़कर बाबर और औरंगजेब ने मस्जिदें बनाई थीं। अब जांच होगी, जांच के बाद कोर्ट अगर यह आदेश देता है कि इसकी खुदाई करो, खुदाई करने के बाद अगर उसके अवशेष मिलेंगे तो उससे निर्णय हो जाएगा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि अजमेर दरगाह शरीफ का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में इस संबंध में किसी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। इतिहास गवाह है मुगलों ने भारत में आकर लूट मचाई, धार्मिक स्थलों को तोड़ा और हमारे धार्मिक स्थलों पर कब्जा तक कर लिया। ऐसे में इतिहास का अध्ययन सभी को करना चाहिए और उसके अनुसार खुद को आगे बढ़कर ऐसा निर्णय करना चाहिए, जिससे भाईचारा बना रहे।