राजगढ़ सादुलपुर  की जसकरण सुराणा हवेली में रक्षाबंधन से संबंधित विशेष कार्यक्रम हुआ।

राजगढ़ सादुलपुर  की जसकरण सुराणा हवेली में रक्षाबंधन से संबंधित विशेष कार्यक्रम हुआ।

राजगढ़ सादुलपुर  की जसकरण सुराणा हवेली में रक्षाबंधन से संबंधित विशेष कार्यक्रम हुआ। आचार्यश्री महाश्रमण की शिष्या साध्वी सूरज प्रभाजी के सानिध्य में हुए उक्त कार्यक्रम में बालिकाओं द्वारा आध्यात्मिक नाटिका की प्रस्तुति भी दी गई। 
अपने उद्बोधन में साध्वी सुरजप्रभा ने कहा कि रक्षाबंधन के लौकिक महत्व के साथ-साथ आध्यात्मिक महत्व भी प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पूरे देश में मनाया जाता है बस इसकी विधि और नाम अलग-अलग होते हैं। मुख्य वक्ता साध्वी डॉ. लावण्या यशा ने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक महत्व को उल्लेखित किया। उन्होंने 19वें तीर्थंकर मल्लि नाथ के उज्जयिनी में प्रकरण के अलावा श्रीकृष्ण सुभद्रा द्रोपती प्रसंग और सिरियारी की चंपा बाई के प्रसंग का भी विवरण दिया। कार्यक्रम का आगाज साध्वी नैतिक प्रभा के मंगलाचरण से हुआ। साध्वी सुरजप्रभा सहित साध्वी सोमश्री साध्वी लावण्या यशा तथा साध्वी नैतिक प्रभा ने रक्षाबंधन से संबंधित आध्यात्मिक गीतिका की सामूहिक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में उपस्थित श्रावक श्राविकाओं ने साध्वियों की प्रेरणा से रक्षाबंधन के आध्यात्मिक संकल्प लिए।