जिला परिषद सदस्यों ने साधारण सभा की बैठक का किया बहिष्कार, जिला प्रशासन को दिया ज्ञापन

जिला परिषद सदस्यों ने साधारण सभा की बैठक का किया बहिष्कार, जिला प्रशासन को दिया ज्ञापन


चूरू । जिला परिषद की सोमवार को हुई साधरण सभा की बैठक का जिला परिषद संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों ने बहिष्कार कर जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया।
जिला परिषद सदस्य संघर्ष समिति चूरू के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिहाग के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को 11 सुत्री मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा तथा जिला परिषद् सदस्यों ने जिला परिषद् की साधारण बैठक का बहिष्कार कर अपनी मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
संघर्ष समिति ने जिला परिषद सदस्यों को मासिक वेतन के रूप में 30 हजार रुपए प्रतिमाह व मिटिंग भत्ता 5000 रुपए व पेंशन योजना लागू किए जाने की प्रशासन को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि मनरेगा योजना सहित अन्य योजना की राशि जो जिला परिषद में आती है उसको जिला परिषद सदस्यों की सहमति से स्वीकृत की जाए। सभी जिला परिषद सदस्यों के क्षेत्र में 50 लाख रुपए सालाना बजट विकास कार्य के लिए आंवटित किया जाए। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद द्वारा कराये जाने वाले विकास कार्यों के समायोजन में जिला परिषद सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाने, सभी जिला परिषद सदस्यों को विकास कार्य व जनहित कार्यो के लिए आने जाने के लिए वाहन उपलब्ध करवाए जाने,  जिला परिषद सदस्यों को सरकारी आवास उपलब्ध करवाने, उपजिला प्रमुख व सदस्यों को भी जिला परिषद में जिला प्रमुख की तर्ज पर कार्यालय उपलब्ध कराए जाए। सदस्यों ने उप जिला प्रमुख को वर्ष में 30 दिन की बजाय 90 दिन वाहन उपलब्ध करवाने, लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों की भांति जिला परिषद सदस्यों को प्रशासनिक अधिकार देने के लिए विभागीय स्तर से प्रपत्र जारी किए जाने, जिला मुख्यालय पर सर्किट हाउस में ठहरने, टोल फ्री करने सहित अन्य सुविधाएं दिए जाने प्रदान की आने ग्राम पंचायत व पंचायत समिति में होने वाली साधारण सभा में जिला परिषद् सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य किए जाने की मांग की। 
इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य संधर्ष समिति चूरू के अध्यक्ष राजकुमार सिहाग ने कहा कि जिला परिषद सदस्य ग्रामीण जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। और देश में जबतक ग्रामीण क्षेत्रों  का विकास नहीं होगा तब तक देश विकसित नहीं बन सकता। इन  सबके लिए उपरोक्त मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि शीध्र ही इस संदर्भ में राज्य सरकार निर्णय कर ग्रामीण विकास के लिए इन सदस्यों को अधिकार प्रदान करें। इस अवसर पर उपजिला प्रमुख महेन्द्र न्यौल, लोकराम, नोंरग शिलू सुमन आजाद, गीता स्वामी, मालीराम सारस्वत, अनिता चौधरी, कानीदेवी, संतोष तालणिया,जगदीश सहारण, ममता सहित अनेक जिला परिषद सदस्य उपस्थित रहे।