तीन साल पहले एक पौधा लगाकर रखी जसनाथ आसन दुधवा की नींव,अब मंहत पढा़ रहे हैं पशु पक्षियों को धर्म का पाठ तीन साल पुर्ण पर  जसनाथ आसन दुधवा में होगें विभिन्न कार्यक्रम

तीन साल पहले एक पौधा लगाकर रखी जसनाथ आसन दुधवा की नींव,अब मंहत पढा़ रहे हैं पशु पक्षियों को धर्म का पाठ  तीन साल पुर्ण पर  जसनाथ आसन दुधवा में होगें विभिन्न कार्यक्रम

चौहटन। जसनाथ आसन दुधवा की नींव कोरोना काल के दौरान जन सहयोग से मंहत परमहंस संत जोगनाथ महाराज ने मंदिर की नींव रखी थी,आसन की नींव के तीन साल 25 अप्रैल को पुर्ण हो रहे हैं,इसके सबंध में जसनाथ आसन दुधवा में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होगे साथ ही स्थापना दिवस पर बडी़ संख्या में मंदिर परिसर में पौधा रौपण किया जाएगा।
रंग बिरंगी बगियां मैं सैंकडो़ पक्षियों के लिए बनाएं अशियाने
जसनाथ आसन दुधवा में मंहत जोगनाथ महाराज द्वारा विदेशी पौधों की सैंकडो़ किस्मों के पौधे लगाकर एक बगिया का निर्माण किया गया हैं,रंग बिरंगे फुलो से सजा बगीचा आसन का मुख्य आकर्षण का केंन्द्र बना हुआ हैं,साथ ही बगीचे व मंदिर परिसर मैं हजारों की संख्या में आने वाले पक्षियों के लिए जल कुंडियां व विशेष प्रकार के पक्षियों के अशियाने बनाए हुए हैं,बगीचे में रंग बिरंगे पक्षियों का झुंड टहलता रहता हैं,
तीन साल पहले एक पौधा लगाकर रखी थी मंदिर की नींव
कौरोना काल 25 अप्रैल 2020 को जसनाथ आसन की नींव जन सहयोग से एक पौधा लगाकर नींव रखी थी,उसी जगह तीन साल में जसनाथ आसन दुधवा में सैंकडो़ किस्मों के हजारों पौधें लहलाह रहे हैं।अपनी छोटी आयु में संसारिक जीवन त्याग कर संन्यासी बने परमहंस संत जोगनाथ निवासी खारावाला ने शुरू से ही भक्ति व पशु पक्षियों से प्रेम था,वर्तमान में जसनाथ आसन  दुधवा के गादीपति हैं,संत को वन्य जीव व पशु पक्षियों से इतना लगाव कि अपने आसन में   संत की भाषा व बुलावे पर चले आते हैं,

परमहंस संत जोगनाथ सांसारिक जीवन त्याग कर बने संन्यासी परमहंस संत जोगनाथ का जन्म केशराराम बैनिवाल खारावाला में हुआ,किशोर अवस्था तक पढा़ई अपने गांव में ही की शुरु सें ही जोगनाथ का मन भक्ति में था,भक्ति धारण करने के बाद अपना परिवार व सांसरिक जीवन त्याग कर आश्रम में चले गए लंबे समय से अपने गुरु के शरणों में रहकर कठोर तपस्या की उसके बाद अब दूधवा में जसनाथ आसन बनाकर गादीपति हैं,इतना ही नही जसनाथ जी महाराज का मंदिर बनाकर तीन साल में आसन की तस्वीर ही बदल दी,हजार  से अधिक फलदार व छायादार पौधैं लगाए हैं।
इनका कहना
तीन साल पहले कौरोना काल में जन सहयोग से मंदिर की नींव रखी थी,उसके बाद भक्तो के सहयोग से बडे़ स्तर पर पौधे लगाए गए अब पौधैं पेड़ के रुप में तब्दील हो गए हैं,और आसन में बडा़ बगीचा के साथ साथ वन्य जीव भी हैं,तीन साल पुर्ण होने पर आसन में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ साथ,पौधें भक्तो की तरफ से लगाए जाएगे।
मंहत परमहंस संत जोगनाथ महाराज जसनाथ आसन दुधवा