नगरपालिका वार्ड पार्षद पेट्रोल की बोतल लेकर पहुंचा पालिका, ईओ के चेंबर के लगाया ताला, सूचना के बाद पुलिस पहुंची मौके पर

सरदारशहर। शहर की नगरपालिका में शुक्रवार को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना अधिकारी सतपाल विश्नोई पुलिस जाप्ता लेकर नगर पालिका पहुंचे। नगर पालिका के वार्ड 18 के वार्ड पार्षद अशोक मेहरा अधिशासी अधिकारी प्रमोद कुमार जांगिड़ के विरोध में पालिका पहुंचे। पार्षद मेहरा इओ की कार्य शैली व खुद के साथ में अभद्र व्यवहार ओर तानाशाही करने का आरोप लगाते हुए पालिका में पेट्रोल की बोतल लेकर पहुंचे और इस दौरान मौके पर अन्य पार्षदों ने पार्षद के हाथ मे पेट्रोल की बोतल देखकर समझाइश करने लगे। इस दौरान वार्ड पार्षद मेहरा ने नगर पालिका इओ के चेंबर के ताला लगा दिया है। घटना की सूचना पुलिस को मिलते ही मौके पर थाना अधकारी सतपाल विश्नोई पुलिस जाब्ता लेकर नगर पालिका में पहुंचे और पार्षद को समझाने की कोशिश की। इस दौरान थाना अधिकारी सतपाल विश्नोई ने अधिशासी अधिकारी प्रमोद कुमार जांगिड़ से फोन पर भी बात की और मामले को निपटाने की बात कही।
अभी वार्ड पार्षद को समझने की कोशिश की जा रही है। वार्ड पार्षद मेहरा ने बताया कि पट्टों की फाइल पर इओ साइन नहीं कर रहे है और नाजायज रूप से आमजन को परेशान कर रहे है। इसके खिलाफ मजबूर होकर ऐसा कदम उठाना पड़ा है। पार्षद अशोक मेरा ने कहा कि में पेट्रोल की बोतल अपने ऊपर डालने के लिए नहीं लेकर आया था। यह पेट्रोल की बोतल में उन फाइलों पर डालने के लिए लेकर आया था जिन पर अधिशासी अधिकारी साइन नहीं कर रहे हैं। आक्रोशित पार्षद ने कहा कि हमने हमारे कांग्रेस नेता अनिल शर्मा से बात की है जल्द ही हम इस तानाशाही अधिकारी को यहां से तबादला करवा देंगे। इस दौरान अशोक मेहरा ने कहा कि अभी
अधिशासी अधिकारी अपनी गलती को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। हम अधिशासी अधिकारी से उनके द्वारा किए गए बर्ताव के लिए उनसे माफी की मांग कर रहे हैं। लेकिन वह माफी नहीं मांग रहे हैं। हालांकि नगर पालिका इओ पर पालिका चेयरमैन राजकरण चौधरी ने भी गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं पार्षद को समझाने के लिए पार्षद राजेश पारीक, हंसराज सिद्ध, मुंशी साह भाटी, ताराचंद सैनी पहुंचे हैं।
पार्षद मेहरा बोले पार्षदों के नहीं होते काम
पार्षद अशोक मेहरा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गुरुवार सुबह से शाम तक में नगर पालिका में पट्टों पर साइन करवाने के लिए बैठा रहा। लेकिन अधिशासी अधिकारी प्रमोद कुमार जांगिड़ ने पट्टों पर साइन नहीं किए। वह मुझे टालते रहे शाम को 5 बजे जब मैंने कहा तो उन्होंने मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया और कहा कि साइन नहीं करूंगा। अशोक मेहरा ने आगे बताया कि पिछले लंबे समय से अधिशासी अधिकारी तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं। जिसके खिलाफ में नगर पालिका अधिशासी अधिकारी के चेंबर के ताला लगा दिया हैं। सूचना के बाद नगर पालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी भी मौके पर पहुंचे और पार्षद अशोक मेहरा को समझाने की कोशिश की और कहा कि उनके साथ जो व्यवहार हुआ उसका हम विरोध करते हैं। नगर पालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी कहा कि अशोक मेहरा के साथ दुर्व्यवहार हुआ है जो कि निंदनीय है। हमारे पार्षद के साथ जो अभद्र व्यवहार हुआ है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम पहले भी कहते आए हैं कि नगर पालिका अधिशासी अधिकारी अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुए हैं। उनके खिलाफ हमने पहले भी शिकायत की हैं। गौरतलब है कि अधिशासी अधिकारी पर पहले भी कई दफा इस प्रकार के आरोप लग चुके हैं। इससे पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी ने कई बार शिकायत भी की और यहां तक कि नगरपालिका सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भी उनके ऊपर काफी गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद चर्चा चली कि नगर पालिका अध्यक्ष चौधरी विधायक अनिल शर्मा से खफा है। विधायक अनिल शर्मा अधिशासी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते दोनों नेताओं में मनमुटाव चल रहा है। लेकिन अब फिर से यह विवाद गरमा गया है। देर रात नगर पालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी की एक फेसबुक पोस्ट भी सामने आई है। जिसमें उन्होंने लिखा है। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं हो सकता। हालांकि इस विवाद पर अभी तक विधायक अनिल शर्मा का कोई भी बयान सामने नहीं आया है। विधायक अनिल शर्मा अभी जयपुर में है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यदि एक जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि के साथ इस प्रकार के व्यवहार होता है। जैसा कि पार्षद अशोक मेहरा आरोप लगा रहे हैं तो आप समझ सकते हैं कि आम आदमी के साथ किस प्रकार का बर्ताव नगर पालिका में होता होगा। हालांकि जो गंभीर आरोप अधिशासी अधिकारी पर पार्षद लगा रहे हैं। उसमें कितनी सत्यता है उसकी जांच होनी भी आवश्यक है।